अगर आप अलग-अलग पर्यटन स्थलों पर यात्रा करने के शौकीन हैं और प्रकृति की खूबसूरत वादियों में फुर्सत के कुछ लम्हें बिताना चाहते हैं तो दार्जिलिंग आपके पंसदीदा जगहों में से एक हो सकता है.
हम आपको बताने जा रहे हैं दार्जिलिंग की खूबियाँ, जिनके बारे में जानकर आप यकीनन इस बार अपने परिवार के साथ दार्जिलिंग में छुट्टियां बिताने का प्लान बना लेंगे.
दार्जिलिंग की खूबियाँ – पर्यटकों को लुभाता है दार्जिलिंग
यूं तो वर्तमान में दार्जिलिंग पश्चिम बंगाल का एक हिस्सा माना जाता है. करीब 3149 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले इस शहर का उत्तरी भाग नेपाल और सिक्किम से सटा हुआ है. समुद्र तल से करीब 6812 फुट की ऊंचाई पर स्थित इस शहर की सुंदरता को शब्दों में बयां करना काफी मुश्किल है.
पश्चिम बंगाल में स्थित दार्जिलिंग की यात्रा न्यू जलपाईगुड़ी नाम के शहर से शुरू होती है. यहां स्थित बर्फ से ढके सुंदर पहाड़ों का दृश्य काफी मनमोहक होता है. उसपर यहां की टॉय ट्रेन इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देती है.
चाय के बागान और देवदार के जंगलों का नज़ारा देखते ही बनता है. टाइगर हिल पर ठहरकर समय व्यतीत करने से लेकर नैचुरल हिस्ट्री म्यूज़ियम तक बहुत ही चीजें यहां आनेवाले लोगों का मन मोह लेने के लिए काफी है.
दार्जिलिंग की खूबियाँ – दार्जिलिंग में स्थित मुख्य आकर्षण के केंद्र
दार्जिलिंग में कई ऐसी जगहें हैं जो यहां आनेवाले पर्यटकों को खासा लुभाते हैं आइए हम यहां की कुछ चुनिंदा आकर्षण केंद्रों के बारे में बताते हैं.
1 – टाइगर हिल
दार्जिलिंग की यात्रा करनेवाले पर्यटकों को टाइगर हिल खासा लुभाता है. टाइगर हिल से कंजनजंघा तथा एवरेस्ट दोनों चाटियों को देखा जा सकता है. इन दोनों चोटियों की ऊंचाई में महज 827 फीट का ही अंतर है.
टाइगर हिल दार्जिलिंग से चौदह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जिसकी ऊंचाई 2,770 मीटर बताई जाती है. जहां से सूर्योदय का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है.
2- टॉय ट्रेन
दार्जिलिंग का हिमालयन टॉय ट्रेन पर्यटकों के आकर्षण का एक बड़ा केंद्र माना जाता है. इस अनोखे ट्रेन का निर्माण 19वीं शताब्दी के उतरार्द्ध में हुआ था. 70 किलोमीटर लंबा यह हिमालय रेलवे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहरों की सूचि में शामिल है.
छोटी लाइन की पटरियों पर यह दार्जिलिंग से न्यूजलपाईगुड़ी तक का सफर कराती है. टाइगर हिल का मुख्य आनंद टॉयट्रेन पर चढ़ाई करने में है. आपको हर सुबह इस पर चढ़ाई करते हुए ढेरों लोग मिल जाएंगे. इस ट्रेन से सफर करते हुए आप इसके चारों ओर के प्राकृतिक नजारों का लुफ्त ले सकते हैं.
3 – चाय के बागान
एक समय दार्जिलिंग अपने मसालों के लिए प्रसिद्ध था और अब चाय के लिए ही दार्जिलिंग दुनिया भर में जाना जाता है.
यहां मौजूद लगभग सभी चाय के बागानों का अपना-अपना इतिहास है. इसके साथ ही हर चाय के बागान के चाय की किस्म भी अलग-अलग है.
दूर-दूर तक फैले हरी चाय के बागानों को देखकर ऐसा लगता है जैसे ज़मीन पर हरी चादर बिछाई गई हो. यहां की खूबसूरत वादियों की आबोहवा और नीले आसमान को देखकर सैलानी आह भरे बिना नहीं रह सकते.
4 – जैविक उद्यान
पदमाजा नायडू हिमालयन जैविक उद्यान माउंटेनिंग संस्थान के दायीं ओर स्थित है. यह उद्यान बर्फिले तेंदुआ तथा पांडा के प्रजनन कार्यक्रम के लिए प्रसिद्ध है. आप यहां साइबेरियन बाघ और तिब्बतियन भेड़िया भी देख सकते हैं.
5 – तिब्बतियन रिफ्यूजी कैंप
तिब्बतियन रिफ्यूजी कैंप की स्थापना 1959 ई. में की गई थी. इससे एक साल पहले 1958 ईं में दलाई लामा ने भारत से शरण मांगा था. इसी कैंप में 13वें दलाई लामा (वर्तमान में 14वें दलाई लामा) ने 1910 से 1912 तक अपना निर्वासन का समय व्यतीत किया था.
आज यह रिफ्यूजी कैंप 650 तिब्बतियन परिवारों का आश्रय स्थल है. ये तिब्बतियन लोग यहां विभिन्न प्रकार के सामान बेचते हैं.
कैसे पहुंचे दार्जिलिंग ?
1 – हवाई मार्ग
अगर आप हवाई मार्ग से दार्जिलिंग की यात्रा करना चाहते हैं तो इसके लिए बागदोगरा सबसे करीब का एयरपोर्ट है. इस एयरपोर्ट से दार्जिलिंग के लिए सड़क मार्ग से करीब 2 घंटे का सफर और तय करना पड़ेगा.
यहां से कोलकाता और दिल्ली के लिए प्रतिदिन उड़ाने संचालित की जाती है. इसके अलावा गुवाहाटी तथा पटना से भी यहां के लिए उड़ाने संचालित की जाती है.
2 – रेलमार्ग
अगर रेलमार्ग के ज़रिए आप दार्जिलिंग पहुंचना चाहते हैं तो यहां पहुंचने के लिए सबसे नज़दीक का रेलवे स्टेशन जलपाईगुड़ी है. कलकत्ता से दार्जिलिंग मेल तथा कामरुप एक्सप्रेस जलपाईगुड़ी जाती है. दिल्ली से गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस यहां तक आती है.
3 – सड़क मार्ग
यह शहर सिलीगुड़ी से सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है. दार्जिलिंग सड़क मार्ग से सिलीगुड़ी से 2 घंटे की दूरी पर स्थित है. कलकत्ता से सिलीगुड़ी के लिए बहुत सी सरकारी और निजी बसें चलती है.
ये थी दार्जिलिंग की खूबियाँ – बहरहाल दार्जिलिंग की खूबियाँ जिनके बारे में जानकर यकीनन आप यहां एक बार अपने परिवार के साथ घूमना ज़रूर पसंद करेंगे और यहां की खूबसूरत यादों को अपने साथ कैद करके ले जाना चाहेंगे.
मुस्लिम लोगों में एक पुरुष वर्ग ऐसा है जो कि शुरू से ही नरेंद्र मोदी…
अजीत डोभाल को यह खबर थी कि मुस्लिम इलाकों में मस्जिदों से इस तरीके का…
ना सिर्फ पेट्रोल बम लोगों तक पहुंचाएं गए हैं बल्कि लोहे की रॉड और गुलेल,…
करावल नगर में ही 100 से ज्यादा वाहन जले हुए मिल रहे हैं लेकिन अंदर…
March 2020 horoscope: मार्च 2020 की शुरुआत होने वाली है और हर कोई जानना चाहता…
IND vs NZ: भारत और न्यूजीलैंड के बीच में शुरू हुआ दूसरा टेस्ट मैच पहले…