हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमरकंटक, मध्य प्रदेश गए थे.
यहां से उन्होंने नर्मदा नदी के संरक्षण का रोडमैप जारी किया था. वैसे तो नरेंद्र मोदी हेलीकॉप्टर दारा ही अमरकंटक गए थे लेकिन उनका हेलीकॉप्टर अमरकंटक से 8 किमी पहले ही उतर गया था.
प्रधानमंत्री ने बाकी बची 8 किमी की यात्रा सड़क मार्ग से ही पूरी की. पहले तो यह माना गया कि प्रधानमंत्री का अमरकंटक तक हेलीकॉप्टर से न जाने के पीछे कोई सुरक्षा स जुड़ा कारण होगा लेकिन अब यह पता चला है कि नरेंद्र मोदी द्वारा अमरकंटक तक हवाई मार्ग से न जाने के पीछे इस स्थान का काला इतिहास कारण है.
दरअसल ऐसा ममाना जाने लगा है कि जब भी देश का कोई प्रमुख नेता अमरकंटक तक हवाई मार्ग से यात्रा करने आया है तो कुछ ही दिनों में उसके साथ कुछ न कुछ अनिष्ठ जरूर हुआ है. यह महज एक इत्तेफाक हो सकता है पर राजनीतिक जगत में इसे अमरकंटक का श्राप माना जाने लगा है.
इस अमरकंटक का श्राप की वजह से कुछ राजनेताओं को अपनी सत्ता तो कुछ को अपनी जान तक गंवानी पड़ी है.
अमरकंटक का श्राप –
1 – सन 1982 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इदिरा गांधी हवाई मार्ग से अमरकंटक के दौरे पर आईं थी. इस दौरे के दो साल बाद 1984 में उनकी हत्या हो गई थी.
2 – कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे तब हवाई मार्ग से अमरकंटक की यात्रा पर आए थे. इस यात्रा के बाद उन्हें कांग्रेस छोड़नी पड़ी थी.
3 – कंद्रीय मंत्री उमा भारती 2004 में मध्यप्रदेश की मंत्री हुआ करती थी. अपने कार्यकाल के दौरान वे हवाई मार्ग से अमरकंटक पहुंची थी. इस यात्रा के बाद उन्हें अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी से हाथ धोना पड़ा और वे वापस कभी मध्य प्रदेश की राजनीति में नहीं जा पाईं.
4 – पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में थे. चुनाव से पहले वे हेलिकॉप्टर से अमरकंटक की यात्रा पर आए थे जिसके बाद उन्हे चुनाव में हार मिली थी.
अमरकंटक का श्राप – प्रधानमंत्री के हालिया अमरकंटक यात्रा में इस स्थान के राने इतिहास क ध्यान में रखकर ही उन्हें कार से अमरकंटक तक ले जाया गया. गौरतलब है कि अमरकंटक हिंदू धर्म में एक प्रमुख तीर्थ स्थल है. पवित्र नर्मदा नदी का उद्दगम इसी स्थान से होता है.