अश्लीलता फैलाने का आरोप – अक्सर हमारे आस पास कई ऐसी घटनाएं होती हैं जिनकी वजह से हम ये सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिर हम किस समाज में रह रहे हैं। जहां असल अपराध करने वालों को सालों तक सजा नही मिलती और दूसरी तरफ कुछ को बेवजह बिना दोष के भी सजा होती है ।
आखिर यहां दोष किसका है हमारी सोच का या हमारी कानून व्यवस्था का ।
हाल ही में करेल के एक स्कूल के 12 वी के दो छात्रों को स्कूल से सिर्फ इसलिए निकाल दिया गया, क्योंकि वो स्कूल में एक दूसरे के गले मिले । उन पर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया और एक सदभावना से गले मिलने को सेक्सुअलटी का नाम दिया । बिना उन छात्रों की बात सुने बिना ।
छात्र का नाम अमित है. अमित का कहना है कि उनकी दोस्त ने स्कूल के फंक्शन में डांस परफॉर्मेंस दी । उसके बाद वो उसके पास आई ये पूछने की उसने कैसा परफॉर्मेंस दिया। अमित ने कहा बहुत अच्छा। वो खुशी में अमित के गले मिली । तभी वहां एक टीचर गुजरी जिसने उन दोनो को देखा और उन्हे सीधा प्रिंसिपल के पास ले गई । अमित का कहना है कि वो दोनो बहुत अच्छे दोस्त हैं । इसके बावजूद उन्हें वहां अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाए और ऐसे पेश किया गया जैसे उन्होंने बहुत बङा अपराध कर दिया हो । उन्हें माफी मांगने को कहा गया । दोनो छात्र भी बिना दोष के माफी मांगे जा रहे थे ।
फिर स्कूल प्रशासन ने हमारे माता – पिता और परिवार को भी इस मामले में शामिल किया और परिवार के सामने गंदी गालियाँ दी और इस तरह ट्रीट किया जैसे उन्होंने किसी का रेप किया हो ।
इतना सब होने के बाद अमित के पिता जो एक ऑटोमोबाइल कंपनी में इंजीनियर थे उन्हे भी इस्तीफा देना पङा ।
वही दूसरी तरफ छात्रा के अनुसार उन पर अपने दोस्त के खिलाफ गलत बयान देने के लिए दबाव बना गया । जिस वजह घर में काफी वक्त से तनाव पूर्ण स्थिति है । आपको बता दे दोनो छात्राओं का कहना है कि वो दोनो बहुत अच्छे दोस्त हैं जिस वजह से उनकी इंस्ट्राग्राम पर भी एक साथ कई तस्वीरें जिनका स्कूल प्रशासन ने गलत तरह इस्तेमाल किया । छात्राओं ने केरल हाई कोर्ट में याचिका दर्ज करवाई । लेकिन कोर्ट ने फैसला स्कूल के पक्ष में दिया। लेकिन दोनो छात्रों का कहना है कि उन्होंने कुछ गलत नही किया इसलिए वो दोबारा कोर्ट में याचिका दर्ज कराएंगे ।
आपको बता दें स्कूल ने छात्रों को स्कूल से तो निकाला ही साथ ही दूसरे स्कूलों में भी एडमिशन लेने नही दिया । दूसरों स्कूलों छात्रों की गलत ईमेज पेश की ताकि कोई स्कूल उन्हें एडमिशन न दे । स्कूल ने अमित पर ये आरोप लगाया कि उन्होंने अपने से कम उम्र की लङकी को अपनी बाहों में 5 मिनट तक जकङे रखा और इस पर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगाया ।
इन बातों को सुनकर पढकर में नही जानती आपके मन में किस तरह के विचार आ रहे हैं लेकिन इस घटना से एक बात तो जरुर साफ हो गई कि जिस समाज हम रह रहे है वहां सजा अपराध करने पर नही विचारधारा से अलग चलने पर मिलती है । एक स्कूल की ऐसी सोच ये साबित करती है कि अभी बहुत कुछ बदलना बाकी है।
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