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हर भारतीय नारी नहीं होती है प्यारी! यह 8 तो पड़ती हैं भैया, बहुत ही भारी!

भारतीय नारी की नर्मदिली और सभ्य व्यवहार के बारे में ढेरों कहानियाँ सुनने को मिलती हैं!

कहानियाँ क्या, मेरे और आपके जीवन का एक अटूट अंग हैं भारतीय नारी और रोज़ ही उनका कोई नया करिश्मा देखने को मिलता है| लेकिन कुछ नारियाँ ऐसे भी हैं जो आदमियों को छठी का दूध याद दिला दें और खा-पी के डकार भी न मारें!

आईये मिलवाऊँ ऐसी 8 भारतीय नारियों से जो आदमियों पर बहुत भारी पड़ती हैं:

1) पुलिस वाली

कभी महिला पुलिस जवान या अफ़सर को देखिएगा, ऐसा रौब होता है उनमें कि अच्छे-अच्छे पतलून गीली कर बैठें! उदहारण के तौर पर किरण बेदी जी को ध्यान में लाईये, आज भी बड़े-बड़े अपराधियों की उनका नाम सुनके कंपकपी छूट जाती है!

2) वकील

किसी महिला वकील को जिरह करते देखा है? जाने कैसे जज अपनी वीरता बनाये रखते हैं, आम आदमी तो बिना लड़े ही केस हारने को तैयार हो जाए! उनके पति कैसे जीते होंगे, आप ख़ुद ही अंदाजा लगा लीजिये!

3) प्रिंसिपल

स्कूल या कॉलेज की कठोर प्रिंसिपल्स किसे याद नहीं हैं! पत्ता नहीं हिलता उनके सामने, बेचारे आदमियों की तो बिसात ही क्या? काम की जगह भी शक्ति-प्रदर्शन, घर पर भी सत्ता अपने हाथ में रखती हैं यह नारियाँ!

4) कामवाली बाई

भाइयों इनके आगे तो ज़बान खोलने की कोशिश भी मत करना कभी वरना ऐसा तजुर्बा मिलेगा कि शायद किसी महिला के आगे मुँह खोलने के क़ाबिल न रह जाओगे! वो जानती हैं कि उनके बिना हमारा दिन न शुरू होता है न ख़त्म, बस इसीलिए उनकी धौंस चलती है! चलने दो भाई, चलने दो!

5) व्यापारी

आजकल बहुत सी औरतें अपना ख़ुद का व्यापर भी करने लगी हैं और कभी उन्हें देखिएगा ग्राहकों से बात करते हुए, मोल-भाव करते या अपने नौकर-मुलाज़िमों से बात करते हुए! ऐसा लगेगा झाँसी की रानी तलवार बाज़ी कर रही है, वो भी सिर्फ ज़ुबान से, कहीं हाथ में सच की तलवार आ गयी तो हो लिया काम!

6) नेता

राजनीती में आजकल बहुत सी महिलाओं ने अपनी पकड़ मज़बूत कर ली है| चाहे वो कॉलेज की राजनीती हो या देश की| अब मैं क्या कहूँ, ख़ुद ही देख लो इनके आगे-पीछे घुमते हुए आदमियों की हालत! ऐसा लगता है चूहों की फ़ौज सेवा में लगी है| पर जायज़ है यारों, यह औरतें ऐसा दबंगपन हक़ से दिखाती हैं!

7) सरकारी अफ़सर

सरकारी महकमे की आला अफ़सर से मिलिए कभी, अपनी पूरी शक्ति का अंदाज़ा लगा के ऑफ़िस में दाखिल होती हैं! वो भी घर पर अपनी विजय के झंडे गाड़ने के बाद! हलके-फुल्के आदमियों को तो चाय-नाश्ता समझ के निगल जाती हैं यह, ज़रा संभल के रहिएगा!

8) सब्ज़ी वाली

इनसे तो आदमी क्या, औरतें भी डरती हैं! यूँ तो आदमी वैसे भी किसी सब्ज़ीवाले या सब्ज़ीवाली से मोल-भाव या बहस में नहीं पड़ते, यहाँ तो औरतें भी इन सब्ज़ीवालियों से ज़्यादा तूतू-मैंमैं नहीं करतीं! अब अंदाज़ा लगा लीजिये कि इनका कहर जब आदमियों पर बरसता होगा तो नज़ारे कैसे होते होंगे!

दोस्तों, औरत मोम का पुतला समझी जाती है पर कुछ मोमबत्तियाँ ऐसी हैं जो दिवाली की फुलझड़ी में कब तब्दील होकर आपका हाथ जला जाएँगी, आपको पता भी नहीं चलेगा!

इसलिए ख़याल रखना और बेकार का पंगा मत लेना!

Nitish Bakshi

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Nitish Bakshi

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