भारतीय समाज में संस्कृति और संस्कारों का खुलेआम रोज ही बलात्कार हो रहा है.
हमारे कई बड़े लेखक और अभिनेता आये दिन बेतुका बयान देकर, ख़बरों में आ रहे हैं. खासकर बलात्कार पर तो बयानबाजी हर चौथे और पांचवे दिन आ रही है.
भारत का हर मर्द बलात्कारी है क्या यह बात सत्य है? अभी हाल ही में अभिनेत्री और फिल्म डायरेक्टर नंदिता दास का बयान आया और इससे पहले निर्भया पर बनी फिल्म में कह दिया गया था कि देश का हर मर्द बलात्कारी है. बेशक बाद में नंदिता जी ने अपनी सफाई दे दी है, लेकिन मुद्दा अब फिर से उठ चुका है.
हम आज इस मानसिकता के लोगों से सवाल करते हैं कि
- क्या अपने पिता और भाई के लिए भी आप यही सोचते हो? क्या हर पिता बलात्कारी ही है? क्या देश में बच्चे आज बलात्कार से पैदा हो रहे हैं? क्या शादी के बाद हर मर्द अपनी पत्नी से बलात्कार ही कर रहा है?
- साफ़ और पवित्र रिश्तों को भी आज भारत देश में गलत नजरिये से देखा जा रहा है. और जो लोग ऐसी बातें कर रहे हैं तो वह एक बलात्कारी मर्द से शादी क्यों कर रहे हैं? इन लोगों को जब पता है कि इनके साथ बलात्कार होना ही है तो तब ऐसे में वह उस राह पर क्यों जा रहे हैं? क्या वह जानबूझ कर अपना बलात्कार कराना चाहते हैं?
- अब ऐसे में भारत देश में कुछ महिलायें मज़बूरी वश वेश्यावृति के काम में लगी हुई हैं, तो क्या हम आज सभी महिलाओं को वेश्या बोल सकते हैं? कुछ लड़कियां भी लड़कों का शोषण करती हैं, तो क्या हर महिला ऐसी हो गयी क्या?
- कई जगह अपने प्रेमी के साथ मिलकर महिला अपने पति की हत्या कर रही हैं तो क्या हर महिला हत्यारी हो जायेगी क्या?
इस मानसिकता के लोगों को समझना होगा कि यही मर्द समाज निर्भया के समय इंडिया गेट पर पुलिस और सरकार से दो-दो हाथ कर रहा था. पूरा आन्दोलन एक उदाहरण है कि इस मुद्दे पर पुरूष समाज ने सरकार को भी टक्कर दे दी थी और बलात्कारियों के लिए फांसी के मांग की जा रही थी.
हम मानते हैं कि समाज में कुछ बुरे लोग भी हैं जो बलात्कार जैसी गिरी हुई हरकत करते हैं. पर कुछ मर्द ऐसे भी है जो कई मौकों पर किसी महिला को बचा भी लेते हैं. अब ऐसे में उस पुरूष समाज पर क्या बीतेगी जो जीवन भर ऐसा काम करते ही नहीं हैं. जो स्त्रियों की इज्जत पूरी उम्र करते हैं और ऐसे लोगों की संख्या कम नहीं है, आम घर से निकलकर जांच करें तो बहुतेरी संख्या में ऐसे लोग मिल जायेंगे.
पर अपने वातानकुलित कमरों से निकलने का वक़्त आप पर नहीं है, आप लोग तो खोखली वाह-वाह के लिए बस विवादित बयान देना जानते हो.
देश के कुछ नेता जो अनाप-शनाप बोलकर ख़बरों में आते हैं उनको समझना होगा कि आज जो तबका देश के हर मर्द को मिल रहा है ‘बलात्कारी’ का उसको दिलाने में कहीं ना कहीं आपका हाथ भी है.
इस तरह की बातों से भारत की छवि खराब की जा रही है. आपको समझना होगा कि यह वही देश है जिसमें इस्लामिक आक्रमण से पहले कोई भी रेप का केस सामने नहीं आया है.
नौ-दुर्गा में यही मर्द माँ की पूजा करता है. माँ जो एक स्त्री ही हैं उनके लिए उपवास करता है.
ऐसे में इस तरह की बयानबाजी कि देश का हर मर्द बलात्कारी होता है इन बयानों पर अब रोक लगनी चाहिए और यदि रोक नहीं लगती है तो जल्द से जल्द अदालत को इस पर कार्यवाही करनी चाहिए.
बोलने की आजादी का अर्थ यह कतई नहीं है कि आप कुछ भी कभी भी बोल सकते हो. अब ऐसे में क्या हमारे पाठकों को भी यही लगता है कि आपके पिता एक बलात्कारी हैं और आप भी बलात्कारी बनने जा रहे हो?
आपकी राय का इन्तजार रहेगा.