भारत

क्या है थ्री C जिससे डरती है सभी भारतीय बैंक !

थ्री C क्या है?  इंडिया विजन 2030 एंड बैंक्स के विषय पर बोलते हुए हाल ही  में नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने बैंकिग सेक्टर से जुड़े कई अहम बातों को लोगों के बीच रखा और बताया कि भारतीय बैंक किन चीजों से डरते है ।

इंडिया विजन 2030 पर बोलते हुए नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने कहा कि उनका बैकिंग सेक्टर से बहुत पुराना नाता है । ऐसा इसलिए क्योंकि राजीव कुमार भारत के पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार के दौरान नरसिम्हन समिति में थे । राजीव कुमार ने कहा कि 2030 में बैकिंग सेक्टर का देश में क्या योगदान होगा आने वाले दिनों में भारत की इकनॉमिक ग्रोथ का जो मोमेंटम होगा उसमें स्टार्ट और स्टैंड अप का अहम योगदान होगा ऐसे में बहुत जरुरी होगा कि आने वाले समय में देश के अलग –  अलग सेक्टर इन्हें कैसे सपोर्ट करेंगे ?   साथ ही नीति आयोग के वाइस चैयरमैन राजीव कुमार ने ये मुद्दा भी उठाया कि आने वाले समय में भारतीय बैंकिग सेक्टर एग्रीकल्चर सेक्टर को कैसे सपोर्ट करता है जो बहुत जरुरी होगा ।

इसी दौरान नीति आयोग के वाइस चैयरमैन बैंकिग सेक्टर की कमियों पर भी बात की । राजीव कुमार के अनुसार भारतीय बैंक्स में रिस्क पता लगाने की क्षमता बहुत कम है । भारत के 100 में 86 से 88 प्रतिशत बैंक्स का पैसा केवल बड़े बॉरोअर्स को जाता है । और सिर्फ 12 से 14 प्रतिशत हिस्सा छोटे बॉरोअर्स को जाता है । जिसकी सबसे बड़ी वजह है थ्रीC ।

राजीव कुमार के अनुसार थ्री C के कारण ही भारतीय कमर्शियल बैंक विस्तार नहीं कर पा रहे है और इस वजह से सेफ गेम खेलना चाहते है  । लेकिन ये थ्री C है क्या ?

थ्री C क्या है ?

दरअसल नीति आयोग के वाइस चैयरमैन के अनुसार थ्री C का मतलब है  – सीवीसी, सीबीआई और सीएजी ।

अब आप सोच रहे होंगे कि सीवीसी, सीबीआई और सीएजी सरकारी संस्थाएं है इनसे बैंकिग सेक्टर क्यों डरते हैं ?  सीवीसी यानी सेंट्रल विजिलेंस कमीशन, सीबीआई यानी सेंट्रल ब्यूरो ऑफि इनवेंस्टिगेंशन, सीएजी यानी कमट्रोलर एँड ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया है । ये तीनों ही संस्थाएं राज्य सरकार और दूसरे सरकारी ओर प्राइवेट सेक्टरों की जांच करती है । और कई गड़बड़ी पाई जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती है । भारतीय बैंक इन तीनों संस्थाओं में से भी किसी भी संस्था के जांच के दायरें में आने के रिस्क से डरते है जिस वजह से वो केवल साफ पैंटर्न पर बैंकिग करना पंसद करते है ताकि उन्हें किसी समस्या का सामना न करना पड़े ।

लेकिन राजीव कुमार के अनुसार बैंक्स का यही डर उन्हें विस्तार करने नहीं दे रहा है

वहीं रुपए की बिगड़ती हालत पर भी नीति आयोग के वाइस चैयरमैन ने अपनी राय रखी । आपको बता दें पिछले कुछ समय में रुपया डॉलर के मुकाबले काफी कमजोर हुआ है । जिसका असर बाजार में साफ देखने को मिल रहा है । राजीव कुमार के अनुसार रुपया में गिरावट थर्मामीटर की तरह है जो परिस्थितियों के अनुसार गिरता बढ़ता रहता है । जिस वजह से इसे कम से कम राजनीति से दूर रखना चाहिए । रुपया पूरी तरह किसी देश की मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है । हालांकि रुपये पहली बार इतने निचले स्तर पर आया है जिसे राजनीति का होना भी लाजमी है ।

Preeti Rajput

Share
Published by
Preeti Rajput

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago