अंतिम क्रिया के दौरान – किसी अपने की मौत पर बहुत दुःख होता है।
कोई कभी नहीं चाहता कि उसका अपना उसे इस तरह छोड़कर चला जाए। लेकिन यदि अंतिम क्रिया के दौरान मृत्यु शैया पर लेटा वह व्यक्ति उठ खड़ा हो तो क्या इसे देखकर करीबी खुश हो जाएंगे? असल में सबसे पहले तो सभी डर से कांप जाएंगे और बाद में कुछ समझ आए तो शायद खुश भी हो ले।
कई लोग भूत-प्रेत वगैरह में विश्वास रखते हैं। मगर यहां हम भूत-प्रेत नहीं बल्कि सच्ची घटनाओं के बारे में बात करेंगे। दुनिया के विभिन्न कोनों में ऐसे वाकये हुए हैं। जिसमें मृत व्यक्ति सांस लेने लगता है या उसके हाथ-पैर हिलने लगते हैं। डॉक्टर्स भी इन घटनाओं को सच बताते हैं । ये घटनाएं थोड़ी डरावनी लेकिन बिल्कुल सच है।
अंतिम क्रिया के दौरान –
यह वाकया 2012 का है। चीन में रहने वाली 95 वर्षीय महिला पड़ोसियों को घर में अचेत अवस्था में मिली थी। महिला की सांसे भी नहीं चल रही थी इसलिए उसे मृत मान लिया गया। महिला की डेड बॉडी को खुले ताबूत में रखा गया, ताकि परिचित अंतिम दर्शन कर पाए। मगर 6 दिन बाद महिला ताबूत से गायब थी और अपने किचन में खाना बना रही थी। डॉक्टर के अनुसार यह ‘आर्टिफिशियल डेथ’ थी।
अक्टूबर 2017 में इस 28 वर्षीय युवक की रुट कैनाल के ऑपरेशन के बाद मौत हो गई थी। लेकिन अंतिम संस्कार के दौरान कुछ रिश्तेदारों को युवक की सांस चलती हुई महसूस हुई। इसके तुरंत बाद डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टर ने भी इसकी पुष्टि की और जल्दी से युवक को अस्पताल पहुंचाया गया। मगर वहां उसे फिर से मृत घोषित कर दिया गया।
मिसिसिपी में 78 वर्षीय बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया गया था। विलियम्स की डेड बॉडी को बॉडी बैग में फ्यूनरल होम ले जाया गया। लेकिन वहां अचानक से बॉडी बैग में हलचल हुई जैसे कोई किक मार रहा हो और बुजुर्ग की सांसे भी चलने लगी। इसके बाद बुजुर्ग को बॉडी बैग से निकालकर अस्पताल में भर्ती किया गया और बाद में घर भेज दिया। हालांकि दो हफ्ते बाद विलियम्स की वाकई मौत हो गई।
2011 में 49 वर्षीय रशियन महिला को डॉक्टर्स द्वारा हार्ट अटैक की वजह से मृत घोषित कर दिया गया था। महिला को खुली ताबूत में रखकर रिश्तेदार उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहे थे। तभी महिला उठी और खुद को ताबूत में देखकर चीखने लगी। परिजन उसे जल्दी से अस्पताल ले गए। लेकिन वो 12 मिनट ही जिंदा रह पाई। महिला के परिजनों का मानना था कि खुद को ताबूत में देखकर महिला को दूसरा हार्ट अटैक आया और इसलिए उसकी मौत हुई।
2014 में 91 वर्षीय महिला को मृत घोषित करने के बाद शवगृह के कोल्ड स्टोरेज में रखा गया था। लगभग 11 घंटे बाद शवगृह के कर्मचारियों को बॉडी बैग में हलचल होती नजर आई। महिला को बैग से निकालकर घर भेज दिया गया और गर्म सूप व पेनकेक्स दिए गए। हालांकि वृद्धा को पता ही नहीं चला कि उसके साथ क्या हुआ था।
इस अनोखे वाकये में पोलैंड के एक 25 वर्षीय युवक को दिल का दौरा पड़ने के बाद मृत घोषित कर दिया गया था और शवगृह के रेफ्रिजरेटर में रखा था। लेकिन कुछ देर बाद शवगृह के कर्मचारी को अंदर से आवाज आई। दरवाजा खोला तो एक नग्न आदमी कंबल मांग रहा था। दरअसल युवक ने पिछली रात बहुत सारी वोदका पी ली थी और उसे कोई होश नहीं था। शवगृह से निकलकर वो फिर दोस्तों के साथ पार्टी करने निकल पड़ा।
2014 में केन्या के इस 24 वर्षीय युवक ने कीटनाशक खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी और डॉक्टर्स ने उसे मृत भी घोषित कर दिया था। डेड बॉडी को शवगृह में रखा गया था। लेकिन 15-16 घंटे बाद जब कर्मचारियों को शरीर में हलचल होती दिखाई दी तो वे डर के मारे भाग गए। जिंदा होने के बाद पॉल ने आत्महत्या को गलती बताया।
ये है वो लोग जो अंतिम क्रिया के दौरान जिन्दा हो गए – ये घटनाएं पढ़ने में वाकई किसी चमत्कार सी लगती है। जो लोग जीवित रह गए उनके परिवार को वाकई बेहद खुशी हुई होगी।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…
दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…
सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…
कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…
दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…
वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…