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अल कायदा और बिन लादेन में भी थी इंसानियत

अल कायदा : दुनिया का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन

अल कायदा मतलब मौत और दहशत का पर्याय, अब तक दुनिया में ना जाने कितनी बड़ी बड़ी आतंकी वारदातें कर चूका है ये संगठन, जिसमे लाखों लोगो की जान जा चुकी है.

ऐसे संगठन से क्या ये उम्मीद की जा सकती है कि वो कभी दुनिया को बचने की सोच भी सकता है ?

पर अगर कोई ये कहे कि ऐसा हुआ है ,अलकायदा ने भी अपने आतंकियों को निर्देश दिए थे दुनिया बचाने के.

2011 में अमेरिका द्वारा ओसामा बिन लादेन के छुपने की जगह से अल कायदा के कुछ कागज़ात जब्त किये गए थे . इन कागजातों के अनुसार अल कायदा और बिन लादेन पर्यावरण को लेकर चिंतित थे और इसे बचने के प्रयास कर रहे थे.

इस दस्तावेज में लादेन ने तत्कालीन अल कायदा कमांडर अतियाह अब्द अल रहमान को कहा था कि अलकायदा के सदस्यों और लड़कों को पर्यावरण में बदलाव और ग्लोबल वार्मिंग के खतरों के बारे में बताने और इस से बचने के तरीकों को अपनाने के लिए कहा था.

इसके अलावा ये भी आदेश था के आस पास के इलाकों में पेड़ नहीं काटे जाएँ और अधिक से अधिक पेड़ लगाये जाएँ जिससे पर्यावरण में बदलाव ना आ सके.

उसी समय के एक और दस्तावेज में ये आदेश दिए गए थे कि अल कायदा के सदस्य उन स्थानों पर जाकर लोगों की मदद करे जहाँ के लोग पर्यावरण में बदलाव की वजह से पीड़ित है. जैसे की तूफ़ान, बाढ़, तेज़ गर्मी, हिमपात से ग्रसित इलाके.

इसके साथ साथ एक और बात जो कही गयी थी वो ये थी कि उन पीड़ितों की मदद ना की जाए जो हिन्दू या ईसाई हो.

पर्यावरण को लेकर बिन लादेन कितना चिंतित था इसका पता इस बात से चलता है कि 2010  में बिन लादेन ने एक टेप जारी किया था.

जिसमे उसने अलग अलग सरकारों को पर्यावरण में होने वाले बदलाव और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से लड़ने के लिए अलग अलग उपाय बताये थे.

इसके अलावा लादेन ने सरकारों से पर्यावरण बचाव के लिए टास्क फ़ोर्स के गठन का भी सुझाव दिया इसके अलावा लादेन ने खेती और वृक्षारोपण को भी बढ़ावा देने का सुझाव दिया था.

पर बिन लादेन के सुझावों को किसी ने मानने की जहमत नहीं उठाई ,वो कहते है है ना कि हर बुरे में भी कोई ना कोई अच्छाई ज़रूर होती है . इन दस्तावेजों से पता चलता है कि अल कायदा और बिन लादेन में भी थी इंसानियत

अलकायदा ने कोशिश की थी बचाने  की दुनिया तो क्यों साथ नहीं दिया देशों ने .
जब बिन लादेन जैसा खतरनाक आतंकी पर्यावरण के लिए चिंतित हो सकता है तो फिर हम क्यों नहीं ?

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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