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माँ पार्वती जी भी रखती हैं अक्षय तृतीया का व्रत, इस दिन होती हैं मनोकामनायें पूरी

जीवन में सुख कौन प्राप्त नहीं करना चाहता है?

हर व्यक्ति ईश्वर से यही दुआ करता है कि उसको सफलता की प्राप्ति होती रहे, धन की वर्षा उस पर होती रहे, उसके परिजन सुखी रहें आदि-आदि.

आज हम आपको बता रहे हैं एक ऐसा दिन जिस दिन आप अगर दिल से और पवित्रता से इस दिन अध्यात्म और भगवान के चरणों में जितना समय आप लगाते हैं आपको उसका दुगना फल प्राप्त होता है.

21 अप्रैल 2015 को अक्षय तृतीया का दिन है और इस दिन बन रहा है यह शुभ मुहूर्त.

इस शुभ घड़ी में आपकी कोई भी जायज मनोकामना पूरी हो सकती है.

 

क्या है अक्षय तृतीया

वैशाख शुक्ल की तृतीया को अक्षय तृतीया कहा जाता हैं. वैदिक दिन गणित के चार सर्वाधिक शुभ दिनों में से यह एक माना गया है. ‘अक्षय’ का अर्थ है कि जिसका कभी क्षय न हो’ अर्थात जो कभी नष्ट नहीं होता है.

धन प्राप्ति के लिए, नये बिजनेस को शुरू करने के लिए, अच्छे पति-पत्नी की प्राप्ति के लिए, विद्यार्थी वर्ग के लिए, नये घर और वाहन के लिए और स्वास्थ्य के लिए इस दिन का योग बेहद अच्छा रहता है.

अक्षय तृतीया का महत्व

हमारे ग्रंथो में उल्लेख है कि इसी दिन से त्रेता युग का आरंभ हुआ था. नर नारायण ने भी इसी दिन अवतार लिया था. हिन्दू पवित्र एवम प्रसिद्ध तीर्थस्थल बद्रीनारायण के कपाट भी इसी तिथि से ही पुनः खोले जाते हैं.

इस दिन भगवान विष्णु जी ने धर्म की रक्षा के लिए परशुराम जी के रूप में अवतार लिया था. इस दिन के सभी घंटे बहुत शुभ होते हैं.

माँ पार्वती जी भी रखती हैं इस दिन व्रत

हमारे शास्त्र में भी आता है कि माता पार्वती जी भी इस दिन व्रत रखती हैं, दान देती हैं और आराधना करती हैं.

पार्वती जी खुद इस दिन की महिमा का गान करते हुए कहती हैं कि मैं शिव जी के साथ हमेशा रहने और एक सुखमय जीवन के लिए इस दिन व्रत रखती आयी हूँ.

जो स्त्री-पुरुष सुख शांति और सफलता चाहतें हैं उन्हें ‘अक्षय’ तृतीया’ का व्रत करना चाहिए. जो कुँवारी लड़की अच्छे पति की प्राप्ति करना चाहती हैं उन्हें इस दिन व्रत करना चाहिए.

क्या करें कि ज्यादा फलदायक रहे ‘अक्षय’ तृतीया’

व्यापारी – व्यापारी वर्ग हमेशा से माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं, इसलिए ‘अक्षय’ तृतीया’ के दिन अगर यह वर्ग व्रत करता है, दान करता है, ब्राह्मण को भोजन कराता है यह फलदायक रहता है.

गृहणी- महिलायें भगवान सूर्य और  विष्णु भगवान की आराधना करें.

छात्र- भगवान हनुमान की पूजा से मस्तिष्क और शिक्षा के क्षेत्र में निश्चित फल मिलेगा.

कुंवारी लड़कियां- भगवान शिव की आराधना से अच्छे जीवनसाथी के योग बनेंगे.

पुत्र प्राप्ति- देवी इंद्राणी ने यही व्रत करके ‘जयंत’ नामक पुत्र प्राप्त किया था. जिन स्त्रियों को पुत्र प्राप्ति की लालसा है वह जरूर व्रत रहें.

वैसे सभी को इस दिन भगवान विष्णु जी और माँ लक्ष्मी जी के चरणों में बैठकर आराधना जरूर करनी चाहिये.

किसकी करो पूजा

सुख शांति की कामना से व सौभाग्य तथा समृद्धि हेतु इस दिन भगवान विष्णु, शिव-पार्वती, सूर्य भगवान और नर नारायण की पूजा का विधान है हमारे शास्त्रों में लिखा गया है.

क्या मुहूर्त है इस दिन

21 अप्रैल को 6.15 से दोपहर 11.57 बजे तक सर्वार्थसिद्धि रोहिणी नक्षत्र रहेगा और दोपहर 11.58 से सूर्यास्त तक रवि योग का विशिष्ट संयोग बन रहा है.

विवाह, गृह प्रवेश, गृह आरंभ, उपनयन संस्कार, नवीन वस्तुओं के साथ सोने व पीतल आदि धातुओं की खरीदी कर लिया जा सकता है.

दान जरूर करें इस दिन

अक्षय तृतीया के दिन दान की परंपरा सदियों से बनी हुई हैं. सत्तू, दही, खीर, धन, तिल, लोहा, नारियल, नमक, काला या पीला वस्त्र.

जरूर याद रखें

अगर आप सोने के चाहने वाले हैं तो सोने की खरीददारी के लिए यह दिन साल में सबसे शुभ दिन होता है. इस दिन ख़रीदा गया सोना कभी समाप्त नहीं होता, क्योंकि भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी स्वयं उसकी रक्षा करते हैं.

अब ऐसे में इतने शुभ दिन को आप किस तरह से खुद के लिए प्रयोग करते हैं यह आप पर निर्भर करता है. साल में इतने अच्छे दिन 4 बार ही आते हैं और 21 अप्रैल 2015 इन्हीं दिनों में से एक है.

Chandra Kant S

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Chandra Kant S

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