इतिहास

कभी रिक्शेवाला तो कभी मुस्लिम बनकर आतंकियों से छुड़ा लाता था भारतीयों को ये जेम्स बांड !

भारत के रीयल लाइफ जासूस अजित डोभाल के किस्से जेंस बांड से किसी मामले में कम नहीं है.

दुश्मन के इलाके में घुसने से लेकर आतंकवादियों के कैंपों में जाने से डोभाल को कभी डर नहीं लगा. इंटेलीजेंस ब्यूरों के चीफ रह चुके और काउंटर टेरेरिज्म का मास्टर माने जाने वाले डोभाल की जिंदगी कई हैरतअंगेज कारनामों से भरी पड़ी है.

जानिए जेंस बांड के वे खतरनाक मिशन जिसको जानने के बाद प्रधानमंत्री मोदी उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार पर बैठाया है.

1 – जून 2014 में ईराक में खुखांर आतंकी संगठन आईएसआईएस ने 46 भारतीय नर्सों को बंधक बनाया था. आतंकी बाकी देशों के बंधकों को बहुत बेरहमी से गर्दन काटकर मार रहे थे. तब डोभाल ने सीरिया के पास किसी गुप्त ठिकाने से 46 नर्सों की सुरक्षित वापसी के लिए आईएसआईएस से निगोशीएशन की थी.

2 – कहा जाता है कि श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपति महेंद्र राजपक्षे चीन से जनदीकी बढ़ा रहे थे. इससे पहले कि श्रीलंका भारतीय हित के विरूद्ध चीन से कोई समझौता करता रक्षा सलाहाकार डोभाल ने वहां एक गोपनीय मिशन के जरिए चुनावों में राजपक्षे को सत्ता में आने से रोक दिया.

3 – नब्बे के दशक में जब कश्मीर में आतंकवाद अपने चरम पर था तब डोभाल ने पाक समर्थित आतंकवादी संगठनों में फूट डालकर कुछ को भारत के पक्ष में करके वहां आतकवाद की कमर तोड़ दी थी. बाद में भारत समर्थक बने आतंकी कूका परे ने कई पाक समर्थित आतंकियों को चुन चुन कर मारा था.

4 – वर्ष 1999 में वाजपेयी सरकार के दौरान जिस भारतीय विमान आईसी 814 का अपहरण कर कंधार ले जाया गया था, उसके यात्रियों को कंधार से वापस लाने में डोभाल ने बड़ी भूमिका निभाई थी. यात्रियों की सकुशल वापसी के लिए डोभाल स्वयं भी कंधार गए थे.

5 – अस्सी के दशक में चीन की शह पर भारत के उत्तर पूर्व में ललडेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट भारत से अलग होने की तैयारी कर रहा था. तब डोभाल वहां पहुचंकर ललडेंगा के सात में छह कमांडरों को तोड़कर भारत के पक्ष में मिला लिया था. मिजो नेशनल आर्मी को शिकस्त देकर डोभाल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के चहेते अफसर बन गए थे.

6 – वर्ष 1988 में खालिस्तान समर्थक अलगाववादी अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में घुस गए थे. ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी जुटाने के लिए डोभाल एक रिक्शेवाला बनकर मंदिर के अंदर घुसे थे. उन्होंने अपने को पाकिस्तानी जासूस बताया था. खालिस्तानियों को विश्वास दिलाने में उन्हें 10 दिन लगे थे.

7 – राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डोभाल दुनियाभर में फैले दाऊद के आर्थिक और आतंकी साम्राज्य को खत्म करने के मिशन में जुट चुके हैं अजित डोभाल ने दुबई और लंदन में दाऊद की सम्पति का काला चिट्ठा वहां की सरकार को दिया है.

8 – पूर्वोत्तर में उग्रवादियों द्वारा सेना के 18 जवानों को मार देने के बाद सेना द्वारा म्यांमार में जाकर उग्रवादियों को खत्म करने के लिए भारतीय सेना के इतिहास की सबसे आक्रामक और सफल कार्रवाई. इसके ऑपरेशन के मास्टर माइंड अजित डोभाल ही थे.

9 – डोभाल ने 7 साल पाकिस्तान में रहकर भारत के लिए जासूसी भी है. पाकिस्तान में मुस्लिम बनकर एक अंडरकवर आॅपरेशन के दौरान उन्होंने वहां से कई अहम जानकारियां भी जुटाई है. यही नहीं, उस दौरान डोभाल ने वहां अपने कई एजेंट भी बनाए हैं जो आज भी बराबर उनकों खबरे देते रहते हैं.

पंजाब से लेकर मिजोरम और कंधार से लेकर कश्मीर में जब जब देश के सामने चुनौतियां आई अजित डोभाल ने खुद को आगे कर दिया. यही कारण है कि उन्हें महज 6 साल के करियर के बाद ही इंडियन पुलिस मेडल से सम्मानित किया था जबकि ये पुरस्कार 17 साल की नौकरी के बाद ही दिया जाता है.

Vivek Tyagi

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