राहुल गाँधी बोलने लगे हैं.
अरे अरे ये मजाक नहीं सच में राहुल गाँधी बोलने लगे हैं.
उफ़ अभी भी आपको विश्वास नहीं हो रहा तो फिर आप उनका हालिया भाषण ही सुन लें. विपासना का कितना फायदा होता है ये राहुल बाबा के कमबैक से ही दिखाई दे रहा है. और अगर विपसना बैंकाक या ऐसे ही किसी दुसरे देश में हो तो फायदा दुगुना हो जाता है. तो हम यहाँ राहुल गाँधी के नए अवतार की बात कर रहे हैं.
जो सालों से संसद में चुप रहा पिछले एक महीने में ४ बार संसद में बोल गया. अपने बातो में हास्य का पुट डालने की कोशिश भी की. सोये कांग्रेस को जगाने की कोशिश शुरू कर दी है. एक के बाद एक मोदी सरकार पर हमला शुरू कर दिया है.
आइये देखे ऐसे 5 मुद्दे जिस पर राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री पर हमला बोला है-
1 . सूट बूट की सरकार:-
तो नरेन्द्र मोदी के सूट जिस पर नरेन्द्र दामोदरदास मोदी लिखा था, उस पर काफी हंगामा हुआ. बाद में सूट को नीलाम कर दिया गया. इस पर राहुल गाँधी ने इस सरकार को सूट बूट की सरकार का नाम दिया. राहुल गाँधी ने ये भी कहा की हमारे प्रधानमंत्री का कपड़ो के तरफ आकर्षण देख कर उन्हें “फैशन आइकॉन” भी कहा जाने लगा है. हमले की ये शुरुआत अच्छी है मिस्टर गाँधी, मंजिले अभी और भी हैं.
2- किसान विरोधी सरकार:-
ये वाला पॉइंट तो बहुत खूब रखा राहुल बाबा ने. दरअसल अब कांग्रेस को मृत्युशय्या से वापस लाने के लिए किसान कार्ड खेलना बहुत जरूरी था. और वो स्टेटमेंट तो शायद ही कोई भूल पाए किसान 2 रुपये किलो में आलू बेचते हैं और चिप्स 10 रुपये का एक पैकेट आता है. प्लीज कोई मुझे भी 2 रुपये किलो आलू दिलाओ.
3- उद्योगपतियों की सरकार:-
तो राहुल गाँधी अपनी मम्मी के घर गए और वहां उन्होंने बराक ओबामा की लिखी आर्टिकल पढ़ ली. जिसमे ओबामा ने मोदी की तारीफ़ की थी. तो बस राहुल बाबा को बहुत ख़ुशी हुई लेकिन फिर उन्होंने सोचा और ऐसा सोचा की क्यूंकि मोदी सरकार कॉर्पोरेट की सरकार है इसलिए अमेरिका उनकी तारीफ कर रहा है. यही नहीं नेट न्यूट्रिलिटी पर भी बोला की सरकार इन्टरनेट को उद्योगपतियों को देना चाहते है और इसलिए नेट न्यूट्रिलिटी सरकार नहीं चाहती. गुड पॉइंट बाबा.
4- मोदी ने मनमोहन सिंह से इकोनॉमिक्स पर क्लास ली:-
और ये सबसे लेटेस्ट है. मनमोहन सिंह ने देश की इकॉनमी की हालत को ख़राब बताया. शाम में मनमोहन सिंह और नरेन्द्र मोदी की मुलाकात हुई. और फिर उसी शाम को राहुल बाबा ने कहा की देश के प्रधानमंत्री को हमारे प्रधानमंत्री से इकॉनमी की क्लास लेनी पड़ रही है. वाह भाई वाह ! वैसे मनमोहन सिंह की सरकार के वक़्त इकॉनमी का क्या हाल था, कोई पूछे ज़रा बाबा से.
5- आर एस एस की विचारधारा के खिलाफ:-
तो आर एस एस की शाखा में किसी को बोलने नहीं दिया जाता. लोग वहां चूं तक नहीं कर सकते. और अनुशासन सिर्फ एक नाम है जिससे किसी के व्यक्तिगत पहचान को मारा जा सके. क्या बात कही राहुल बाबा ने, दिल खुश हो गया. पर कांग्रेस में गाँधी परिवार के आलावा कौन बोल पाता है.. ऊप्स सॉरी मैंने कुछ नहीं कहा.
इन पांच पॉइंट्स के अलावा भी राहुल गाँधी बोले और बहुत बोले.
शायद उन्हें समझ में आ गया है की अब जनता मूक शासक नहीं चाहती. पर देखना है की राहुल गाँधी का बोलना अभी 5 साल तक जारी रहता है या नहीं और इससे कांग्रेस पार्टी को कितना फायदा पहुँचता है.
नुक्सान तो अब और क्या ही होगा ?
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