दिल्ली गैंगरेप के बाद – “दर्द तो कल भी था आज भी है बस फर्क इतना है कि अब आह निकलने लगी है “
पांच साल पहले इसी दिंसबर के महीने में एक फिजयोथैरपी की स्टूडेंट का रात के नौ बजे करीब चलती बस में गैंगरेप किया गया ।
उसके साथ मौजूद दोस्त को भी खूब मारा और दोनो को नग्न अवस्था में सङक पर फेंक दिया । कई आते जाते लोगो ने उन दोनो को बुरी हालत में देखा । फिर पुलिस को बुलाया गया और अस्पताल ले जाएगा। जहां दो हफ्ते तक जिंदगी के लिए लङते हुए उस लङकी ने दम तोङ दिया । उस भयानक मंजर से पूरा भारत कांप उठा । ऐसा नही था कि उसे पहले कभी रेप का अपराध नही हुआ था । लेकिन इस लङकी की जिंदगी से लङाई ने लोगों को अपनी सोच बदलने पर मजबूर कर दिया ।
वरना इस केस से पहले रेप के केसस में अपराधी को सजा मिले न मिले लेकिन जिसके साथ रेप हुआ, उसे जिंदगी भर की जिल्लत जरुर मिल जाती थी । पर कही न कही इस रेप ने लोगों को इंसानियत और हैवानियत का मतलब समझा दिया था।
दिल्ली गैंगरेप के बाद अब इस मुद्दे पर लोग अपने घरों में बात करने लेगे । न्यूज चैनलस पर इन टाॅपिक्स पर खुलकर बात होने लगी। जिस टाॅपिक पर पहले लोगों को बोलते हुए शर्म आती थी । न्यूज चैनलस ने इस लङकी का नाम निर्भया रखा था । लेकिन दिल्ली में इसके बाद कइ निर्भया हुई। बस फर्क इतना था कि अब उन निर्भाया का साथ देने के लिए लोग खङे होने लगे ।
दिल्ली गैंगरेप के बाद पिछले पांच सालों में रेप केसस में कोई कमी नही आई, बल्कि इजाफा ही हुआ है.
नेशनल क्राइम ब्रांच की इस साल की रिपोर्टस के मुताबिक देश की राजधानी दिल्ली रेप केसस के मामले में केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे ऊपर है ।
अभी कुछ वक्त पहले दिल्ली में एक छोटी बच्ची के साथ पब्लिक टॉयलेट में बलात्कार कर दिया गया ।
वही इस साल दिल्ली एनसीआर में अपने मायके जा रही एक महिला का चलते ऑटो में बलात्कार कर दिया गया और उसकी डेढ साल की बच्ची को चलते ऑटो से फेंक दिया गया । अगर क्राइम के नजरिए से देखा जाए तो इन पांच सालों में अपराध सिर्फ बढे है ।
लेकिन दिल्ली में क्राइम रेट बढने के बावजूद भी अगर कुछ इस घटना के बाद बदलाव आया है तो वह लोगों की सोच ।
अब पहले की तरह महिलाएं रेप होने के बाद उसे छिपाती नही है बल्कि पूरी हिम्मत करके गुनेहगार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराती है इस हादसे के बाद स्कूल काॅलेजस में लडकियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी गई। मेट्रो में महिलाओं के लिए अलग कोच बनाए गए । और सबसे बदलाव ये देखने को मिला । अगर अपराध करने वाला एक लङका था तो उसे इंसाफ दिलाने में मदद करने वाले भी लङके थे ।
दिल्ली गैंगरेप के बाद दिल्ली के यूथ में जिस सोच का विकास हुआ वही इस हादसे के बाद का सबसे बङा बदलाव था ।जिसने लोगों को अपराध के खिलाफ लङना सीखा दिया ।