BCCI के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के निधन के इतने दिनों बाद तक भी BCCI के अध्यक्षपद के लिए अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया हैं.
इस पद के लिए आयें दिन कोई न कोई नए नाम समाने आ रहे हैं. जिसके चलते पूरा BCCI कई खेमों में अलग हो गया. BCCI के मैनेजमेंट से कई पदाधिकारी, अध्यक्ष पद के लिए अपना दावा मजबूत करने में लगे हैं.
इन्ही सब दावों के बीच अध्यक्ष पद के लिए एक ऐसे व्यक्ति का नाम सबसे प्रबल माना जा रहा हैं, जिन्हें BCCI के पूर्व अध्यक्ष श्रीनिवासन का पूरा समर्थन प्राप्त हैं.
झारखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी अध्यक्ष पद की इस दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं.
इतनी कम उम्र में अपने बेहतरीन अनुभव के चलते अमिताभ चौधरी की दावेदारी इस लिए भी मजबूत हैं क्योकि वह BCCI के जॉइंट सेक्रेटरी के तौर पर काम कर रहे हैं.
BCCI की नियमावली के अनुसार यदि अपने कार्यकाल के दौरान किसी प्रेसिडेंट का देहांत हो जाता हैं, तो सेक्रेट्री को 15 दिन के भीतर स्पेशल जेनरल मीटिंग बुलाना ज़रूरी हैं लेकिन तत्कालीन सचिव अनुराग ठाकुर ने इन पुरे दिन तक मीटिंग के कोई संकेत नहीं दिए और जिसके चलते यह पूरा मामला कोर्ट में चला गया और यह बात जग जाहिर हैं कि श्रीनिवासन का पूरा समर्थन अमिताभ चौधरी को मिला हुआ हैं.
अपनी पढ़ाई IIT से पूरी करने वाले अमिताभ BCCI में जुड़ने से पहले IPS ऑफिसर भी रह चुके हैं.
2002 में झारखण्ड क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े चौधरी ने दो साल पहले एडिशनल डीजीपी पद छोड़कर जेवीएम पार्टी से लोकसभा का इलेक्शन भी लड़ा था. वह पिछले 12 वर्षों के दौरान कई बार भारतीय जूनियर और सीनियर टीम के मैनेजर भी रह चुके हैं. अमिताभ चौधरी 2003 में पाकिस्तान गयी अंडर 19 क्रिकेट टीम के मैनेजर थे और गांगुली-चैपल विवाद के वक़्त भी मौजूद थे. अपनी इसी कार्यकाल के दौरान एम एस धोनी को भारतीय टीम में जगह मिली थी और उसी वक़्त रांची को एक इंटरनेशनल स्टेडियम भी मिला था.
अपने इन सारे अनुभवों के कारण ही अध्यक्ष पद के लिए अमिताभ की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही हैं.
BCCI में खाली पड़े अध्यक्ष पद के लिए श्रीनिवासन खेमे के अलावा शरद पवार और राजीव शुक्ला ने भी अपनी दावेदारी जताई हैं.
लेकिन इन दोनों खेमे से श्रीनिवासन ग्रुप की दावेदरी इसलिए मजबूत मानी जा रही हैं क्योकि वोट के गणित में श्रीनिवासन के 10 वोट अमिताभ चौधरी को मिलने वाले हैं और उनके राज्य झारखंड एसोसिएशन के 6 वोट पहले से ही मौजूद हैं, तो 10 और 6 वोट मिला कर 30 में से 16 वोट अमिताभ को ही जायेंगे.
अब देखना यह हैं कि इतने अनुभव और सपोर्ट के बाद अमिताभ चौधरी इस दौड़ में कहा तक पहुच पातें हैं.