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6 दिन बर्फ के नीचे धंसकर भी जिंदा रहा भारत का ये वीर सिपाही-मिलने पहुंचे प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी

सियाचीन दुनिया का सबसे दुश्वार वातावरण वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा 

सियाचीन को अगर सफ़ेद मौत कहा जाए तो भी कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी. इस ग्लेशियर पर तापमान शून्य से 40-50 डिग्री नीचेचला जाता है.

यहाँ की जलवायु में कोई साधारण मनुष्य रहने की तो क्या वहां जाने की भी नहीं सोच सकता.

पिछले दिनों सियाचीन ग्लेशियर पर भयानक बर्फीला तूफ़ान आया था. इस तूफ़ान की चपेट में भारत के जवान आ गए थे.

खबर मिली थी कि भारत मान के 10 वीर सपूत इस बर्फ के तूफ़ान में शहीद हो गए.

तूफ़ान शांत होने के बाद शईदों के शवों को तलाशने की जद्दोजहद शुरू हुई. सेना ने अभी तक पाच जवानों के मृत शरीर तलाश लिए थे.

शहीदों के शरीर को तलाशते हुए जवानों को को कुछ ऐसा मिला जिसने उनके रोंगटे खड़े कर दिए. उनको यकीन नहीं हुआ कि ये सच है या सपना या कोई चमत्कार.

बचाव दल को तूफ़ान के 6 दिन बाद करीब 25 फीट बर्फ के नीचे से हनुमंत्थापा जीवित मिले. जी हाँ बर्फ की कब्र से भी भारतीय सेना का ये जवान जिन्दा निकल कर आया.

राहतकार्य करने वाले सैनिकों को एक पल को विश्वास ही नहीं हुआ और जब उन्हें पता चला कि हनुमंत्थापा जीवित है तो तुरंत ही उनके शरीर को कब्लों से लपेट कर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया.

अभी हनुमंत्थापा का अस्पताल में इलाज़ चल रहा है. जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बात की खबर मिली वो सीधे भारतीय सेना के इस वीर सिपाही से मिलने अस्पताल पहुंचे.

जहाँ एक ओर अरविन्द केजरीवाल और राहुल गाँधी दादरी और हैदराबाद में लाशों पर राजनीति करने से नहीं चुके और फ़ौरन वहां पहुँच गए वहीँ नरेंद्र मोदी देश के लिए जान देने को तत्पर सिपाही की बहादुरी को सलाम करने पहुंचे.

खबर मिलने तक किसी एनी पार्टी के किसी भी सदस्य की तरफ से ना कोई बयान आया है ना ही कोई हनुमंत्थापा से मिलने पहुंचा है. इससे पता चलता है कि हमारी राजनीती का स्तर कितना गिर गया है. जहाँ राजनैतिक फायदा होता है वह लोगों की मौत के बाद राजनेता गिद्धों की तरह अपने अपने हिस्से के टुकड़े बटोरने आ जाते है और जहाँ देश का सिपाही जिन्दगी और मौत से लड़ रहा हो वहां कोई नहीं पहुँचता.

हनुमंत्थापा को बचाने का विडियो भारतीय सेना ने जारी किया है. इस विडियो में देखिये किस प्रकार सेना ने हनुमंत्थापा की जान बचायी.

किस प्रकार  6 दिन तक बर्फ में दबे रहने के बाद भी हनुमंत्थापा ने हार नहीं मानी और जीवित रहे. ये ऐसा विडियो है जैसा आपने कभी नहीं देखा होगा.

इस विडियो को देखकर आपको सियाचीन की परिस्थितियों का अनुमान लग जायेगा और आप भी सेना के हर जवान को सलाम करेंगे जो हम सबकी रक्षा के लिए ऐसे दुरागम स्थान पर अपनी जान की बाजी रोज़ लगते है.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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Yogesh Pareek

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