विशेष

500 और 1000 के नोट के बाद अब अगला नंबर इसका है

काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब अगला नंबर काले जहर यानी प्रदूषण का है.

500 और 1000 के पुराने नोटों के बाद अब पटाखों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी हो रही है. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है कि अगर प्रदूषण पर लगाम नहीं लगाई गई तो लोगों की जान जोखिम में पड़ जाएगी है. इसको लेकर सरकार को अब और मौका नहीं दिया जा सकता है. अब समय आ गया है कि जन हित में कुछ कठोर निर्णय भी लिए जाए.

इसलिए अब यदि जल्दी ही प्रदुषण पर कोई नियंत्रण के लिए कारगर उपाए नहीं हुए तो वह अदालत को कुछ उद्योगों और प्रदुषण फैलाने वाली ईकायों को ही नहीं बल्कि पूरी दिल्ली को बंद करना पड़ेगा.

न्यायालय का साफ कहना है कि अब प्रदूषण का स्तर मनुष्य की सहने की क्षमता से ऊपर जा चुका है. लिहाजा इससे मनुष्य की जान को खतरा है. हाल में जिस प्रकार दीपावली और नव वर्ष पर आतिबाजी की जाती है उसने भी शहरों में प्रअुषण के स्तर को कई गुना बढ़ा दिया है. अदालत ने इस ओर भी इशारा किया कि वह आने वाले समय में पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा सकती है.

प्रदुषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गंभीरता का अंदाजा इस बात से भी लगया जा सकता है कि उसने राजनीतिक दलों को इसको रोक पाले में विफल रहने के लिए यहां तक कहा कि अगर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए गठबंधन की सरकार बन सकती है कि प्रदूषण से निपटने के लिए विभिन्न दलों के बीच न्यूनतम साझा कार्यक्रम क्यों नहीं हो सकता.

चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पीठ ने कहा कि यह आपदा जैसी स्थिति है. पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार से कहा कि आपके पास इस आपदा से निपटने के लिए नीति होनी चाहिए. पीठ ने कहा कि आपके पास अलग-अलग प्रदूषण स्तर से निपटने के लिए अलग-अलग नीति होनी चाहिए.

पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार से पूछा कि क्या आपके पास ऐसी कोई नीति है.

उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर पीठ ने कहा कि आपके पास ऐसी नीति होनी चाहिए, जिसमें स्थिति के हिसाब से बदलाव हो. सॉलिसिटर जनरल ने भी प्रदूषण की वर्तमान स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि उन्हें 48 घंटे का वक्त दिया जाए.

उन्होंने कहा कि वह पर्यावरण सचिव व अन्य से बातचीत कर अपना पक्ष रखेंगे.

उन्होंने कहा कि बिना योजना के विकास का यह नतीजा है कि दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. रिहायशी इलाके में उद्योग और मिक्सड लैंड यूज के कारण भी ऐसी स्थिति हुई है. पीठ ने केंद्र सरकार को विभिन्न स्टेकहोल्डरों की सलाह पर गौर करते हुए जल्द नीति बनाने के लिए कहा है.

Vivek Tyagi

Share
Published by
Vivek Tyagi

Recent Posts

इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में आरसीबी के जीतने की संभावनाएं

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) दुनिया में सबसे लोकप्रिय टी20 क्रिकेट लीग में से एक है,…

2 months ago

छोटी सोच व पैरो की मोच कभी आगे बढ़ने नही देती।

दुनिया मे सबसे ताकतवर चीज है हमारी सोच ! हम अपनी लाइफ में जैसा सोचते…

3 years ago

Solar Eclipse- Surya Grahan 2020, सूर्य ग्रहण 2020- Youngisthan

सूर्य ग्रहण 2020- सूर्य ग्रहण कब है, सूर्य ग्रहण कब लगेगा, आज सूर्य ग्रहण कितने…

3 years ago

कोरोना के लॉक डाउन में क्या है शराबियों का हाल?

कोरोना महामारी के कारण देश के देश बर्बाद हो रही हैं, इंडस्ट्रीज ठप पड़ी हुई…

3 years ago

क्या कोरोना की वजह से घट जाएगी आपकी सैलरी

दुनियाभर के 200 देश आज कोरोना संकट से जूंझ रहे हैं, इस बिमारी का असर…

3 years ago

संजय गांधी की मौत के पीछे की सच्चाई जानकर पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाएगी आपकी…

वैसे तो गांधी परिवार पूरे विश्व मे प्रसिद्ध है और उस परिवार के हर सदस्य…

3 years ago