सरकार भी इन किलो की मरम्मत के लिए सिर्फ वादो की पुड़िया देती नजर आती है, जब इन किलों कि आपबीती खुद आप आखों से देखते है. तब पता चलता है की सच में सरकार कितनी बचन बध्द है. यही वो सरकार है जो विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अरब सागर में शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने की बात कर रहे है.
जो किले अब खंडहर में तबदील हो रहे है, उन्हें ही सरकार क्यू नहीं मरम्मत करा रही है. मानो शिवाजी महाराज का आशीर्वाद केवल दिखावे तक ही इन सताधारियों को मिला है. वीरों का अभिमान सफ़ेद पाशों में लुप्त हो गया है.