हिटलर का नरसंहार – कहते हैं दुनिया बहुत बड़ी है, लेकिन जीवन में ऐसे कई क्षण आते हैं जब दुनिया छोटी लगने लगती है।
जीवन में एक ऐसा ही क्षण होता है आपके सामने आपकी म्रत्यु का अहसास। जब किसी भी इंसान को उसकी मौत दिखने लगती है तो वह पूरी दुनिया में भागना चाहता है लेकिन बदकिस्मती से उसे वह जगह नहीं मिल पाती जहाँ वह खुद की जान बचा सके। और अंत में उसे उसी मौत को गले लगाना पड़ता है।
आज इस उदहारण के माध्यम से हम बात करने जा रहे हैं, एक ऐसे व्यक्ति नात्सीवाद अडोल्फ़ हिटलर की, जिसने कुछ ऐसे काम किये, जिन्हें अगर दुनिया का सबसे बड़ा हिटलर का नरसंहार कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
वैसे तो पिछली 2-3 शताब्दी में बहुत से तानाशाह हुए जिनमें नेपोलियन वोनापर्ट, इत्यादि शामिल है लेकिन इस लिस्ट में हिटलर का नाम सबसे ऊपर रखा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। क्योंकि सत्ता हांसिल करने के लिए हिटलर ने जो कुछ किया, शायद ही आजतक किसी इंसान ने इस तरह का रास्ता अपनाया हो।
जब पूरी दुनिया में अस्थिरता का दौर चल रहा था.ऐसे में हिटलर का बड़े ही चालाकी से अपने अनुसार कानून पास करवाकर गद्दी पर बैठना बड़ा ही अचरज लगता है।
आपको एक बात क्लियर कर दें, माना हिटलर ने कई सारे युद्ध किये लेकिन उसने ज्यादा कुछ हांसिल नहीं कर पाया उसके प्रसिद्ध होने की वजह दूसरा विश्व युद्ध नहीं बल्कि हिटलर का नरसंहार है – उसके द्वारा कियागया यहूदी लोगों का नरसंहार है।
हिटलर यहूदी लोगों को अपवित्र और एक तरह से कहा जाए तो पिसाच समझता था और जैसे ही उसके हाँथ में ताकत आती है और गैस के चेम्बर में एक साथ कई हज़ार यहूदियों को डाल देता था. जहरीली गेसों से उन्हें मौत की नींद सुला देता था। इस तरह का कृत्य बहुत समय तक चलता रहा। इस बात का खुलासा भी तब हुआ जब उन जेलों की खुदाई की गई, जहाँ इन लोगों को रखा जाता था. इन लोगों ने दूध के ड्रम में कुछ दस्तावेज छुपाये थे, ताकि कम से कम लोगों को भी पता चले कि हिटलर ने उनके साथ क्या-क्या किया है और आखिर में इन दस्तावेजों की वजह से हिटलर की नीतियों का खुलासा भी हुआ।
नात्सीवाद को मानने वाले हिटलर ने जितना उपद्रव किया है शायद ही उतना किसी और शासक ने किया हो। उसका मानना था कि जर्मनी की औरतों को उन पुरुषों से ही शादी करनी चाहिए, जो अच्छी नसल के हो, ताकि वे औरते अच्छी नस्ल के बच्चे पैदा करें और देश को विकसित करने में सहायता करें।
आपको बता दें कि हिटलर ने अपने आस-पास के देशों पर खूब आक्रमण किये और उन्हें गुलाम भी बनाया लेकिन जब हिटलर ने यूनाइटेड नेशन पर नज़र जमाई तो उसे शिकस्त खानी पड़ी, इसके साथ ही जापान में अमेरिका द्वारा दो बम गिराने के साथ ही दूसरा विश्व युद्ध ख़त्म होता है, और कुख्यात अडोल्फ़ हिटलर का कहर भी।
ये था हिटलर का नरसंहार – खैर इतिहास में ऐसे बहुत से लोग हुए जिन्होंने अपनी सत्ता का फायदा उठा कर तानाशाही की. ऐसे में भारत जैसे देश में लोकतंत्र का होना हमारे लिए सौभाग्य से कम नहीं, कम से कम यहाँ कोई भी व्यक्ति तानाशाह नहीं हो सकता।