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मुंबई की नाईट लाइफ के खौफ का हुआ The End

ACP-Dhoble

मुंबई के नाईट लाइफ में एक बड़ा खौफ मंडरा रहा है.

बीयर बार से लेकर जूस बार के मालिकों में ढोबले की अधिक दहशत रहती थी. यहा तक की बॉलीवुड के कलाकार रात में घर से बाहर निकलने से डरते थे.

ढोबले का नाम सुनते ही लोग कतरा जाते थे. उसी का नाम लेकर नाईट लाइफ के रंगीन रातों में घूमने वाले लोग एक दुसरे को डराते भी थे, कहते थे “जल्दी सो जा वरना ढोबले आ जाएगा”.

अब ना रहेगा ढोबले का मुंबई में खौफ.

जिससे मुंबई की सारी नाईट लाइफ डरती थी, अब वो चुपचाप चकाचौध से दूर चला जा रहा है.

ढोबले आज रिटायर हो रहे है.

उन्होंने इतने केस हेंडल किये है कि अब 118 केस से अधिक केस ढोबले पर ही लग गए है.

कौन है ढोबले ?

१९७६ बैच का पुलिस अधिकारी

सामाजिक सेवा शाखा (SSB) में कार्यरत एसीपी वसंत ढोबले आज ३९  साल के पुलिस कैरियर से रिटायर हो रहे है.

पुलिस के कई विभिन्न शाखाओं में ढोबले ने काम किया है.

पुलिस हिरासत में हुई एक मौत के मामले खुद ढोबले को 1994 में गिरफ्तार कर लिया गया था. एक सप्ताह तक आर्थर रोड जेल के अंदर सलाखों के पीछे हवा खाई.

सुप्रीम कोर्ट तक लड़ने के बाद 1996 में फिर ड्यूटी पर कार्यरत हुए और आधा दर्जन बड़े आरोपियों पर एक साथ बड़ी कार्यवाही  की।

अरुप पटनायक जब मुंबई के पुलिस कमिश्नर थे तब ढोबले को उन्होंने पूरी पॉवर देकर ख़ास शख्सियत बनाया था.

ढोबले के फेवरेट कमिश्नर कौन?

पुलिस कमिश्नर रिबेरो, राममूर्ति, आर डी त्यागी और रॉनी मेंडोसा

अरुप पटनायक तो उनके रॉक स्टार है.

रॉनी मेंडोसा ऊपर से सक्त मगर एक सॉफ्ट व्यक्ति होने के कारन उनको बेहद पसंद है.

नाईटलाइफ में ढोबले का खौंफ क्यों ?

ढोबले हमेशा आउट ऑफ़ द वे जाकर काम करते थे.

लेकिन कार्यवाही हमेशा लीगल होती थी.

ज्यादा तर बियर बार पर कई रेड डाले.

जहा पर भी कार्यवाही करने जाते हमेश हाथो में हॉकी लेकर जाते थे।

अवैध काम करने वालों ने हॉकी मैन , स्टिक मैन जैसे अनेक नाम दिए.

सड़क हो या कोई भी जगह पूछताछ के वक़्त भी हॉकी का बेमिशाल इस्तमाल करते थे।

बॉलीवुड कलाकारों ने भी व्यक्त किया खौफ

नेहा धूपिया ने एक बार खौफ में आकर tweet किया कि, में काम ख़तम करके रात १० बजे से पहले वक़्त पर घर जाउंगी.

सौफी चौधरी ने तब tweet किया के, मुंबई एक जानदार शहर है, लेकिन एसीपी ढोबले इसे सोने वाला शहर बना देंगे.

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रिटायर्मेंट के बाद क्या करेंगे ढोबले?

रिटायर होने के बाद हर किसी पुलिस अधिकारी को उन पुराने केसों के संबंध में कोर्ट जाना पड़ता है.

यह ऐसे केस होते है जिन  में वह परोक्ष या अपरोक्ष रूप से जुडे होते है.

आमतौर पर रिटायरमेंट के बाद किसी भी पुलिस अधिकारी के पास ऐसे केसों की संख्या 20 से 25 होती है.

मगर ढोबले पर ऐसे रेकार्ड तोड़ ऐसे मामले है जिनकी गिनती नहीं की जा सकती

अब मुंबई की नाईट लाइफ होगी फिर से रंगीन

ssb में रहते समय ढोबले ने भले अन्य पुलिस कर्मियों को अच्छी शिक्षा दी हो. लेकिन ढोबले को कभी किसी का खौफ नहीं था, ना नौकरी जाने का डर.

आज के स्थिति में शायद कोई ढोबले नहीं बन सकता.

यही कारण है अब मुंबई की नाईट लाइफ में आज के बाद, डर ख़तम हो जाएगा.