रंग बदलने वाले इस अनोखे शिवलिंग को देखने के लिए दूर दूर से शिवभक्त और पर्यटक आते है. इस मंदिर तक पहुँचने का रास्ता बहुत ही उबड़ खाबड़ और मुश्किल है. रंग बदलने के अलावा इस शिवलिंग के बारे में एक और बात प्रसिद्ध है.
कहा जाता है कि इस शिवलिंग की जड़ किसी को भी नहीं पता है. इसका मतलब ये कि कोई नहीं जानता कि कितनी गहराई तक शिवलिंग का दूसरा छोर है.
कहते है कि कुछ भक्तों ने एक बार कोशिश की थी शिवलिंग का छोर ढूंढने की लेकिन बहुत खुदाई करने के बाद भी शिवलिंग का छोर नहीं मिला तो उन्होंने हार मान ली.