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अचलेश्वर महादेव: रंग बदलने वाला शिवलिंग पूरी करता है हर मनोकामना

भारत के कोने कोने में चमत्कारिक मंदिर है.

इन सब में भी भोले शंकर महादेव के चमत्कारिक मंदिर सबसे ज्यादा संख्या में है.

द्वादश ज्योतिर्लिंगों के अलावा भी बहुत से प्रसिद्ध शिव मंदिर हमारे देश में है, जिनके बारे में तरह तरह की कहानियां प्रचलित है.

आज आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताएँगे जिसके बारे में एक नहीं तीन-तीन चमत्कारिक कहानियां प्रचलित है.

आइये जानते है विलक्षण अचलेश्वर महादेव के बारे में..

अचलेश्वर महादेव के नाम से वैसे तो हमारे देश में बहुत से मंदिर है. आज हम जिस अचलेश्वर महादेव की बात बता रहे है वो मंदिर राजस्थान के धौलपुर ज़िले में राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा पर चम्बल के भयानक बीहड़ों के बीच स्थित है.

अचलेश्वर महादेव मंदिर जंगल में स्थित होने की वजह से बहुत कम लोग दर्शन हेतु पहुँचते थे. लेकिन धीरे धीरे जैसे ही इस मंदिर के चमत्कारी होने का लोगों का पता चला भारी मात्रा में शिव भक्त यहाँ आने लगे.

अचलेश्वर महादेव बहुत पुराना मंदिर है. कहा जाता है कि ये मंदिर यहाँ हजारों सालों से है. इस मंदिर की खासियत है इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग. ये शिवलिंग दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है. ऐसा कैसे और क्यों होता है इसका राज कोई नहीं समझ सका है.

सुबह के समय इस शिवलिंग का रंग लाल होता है, दोपहर को इसका रंग बदलकर केसरिया हो जाता है और दिन ढालने पर शिवलिंग सांवला हो जाता है.

रंग बदलने वाले इस अनोखे शिवलिंग को देखने के लिए दूर दूर से शिवभक्त और पर्यटक आते है. इस मंदिर तक पहुँचने का रास्ता बहुत ही उबड़ खाबड़ और मुश्किल है. रंग बदलने के अलावा इस शिवलिंग के बारे में एक और बात प्रसिद्ध है.

कहा जाता है कि इस शिवलिंग की जड़ किसी को भी नहीं पता है. इसका मतलब ये कि कोई नहीं जानता कि कितनी गहराई तक शिवलिंग का दूसरा छोर है.

कहते है कि कुछ भक्तों ने एक बार कोशिश की थी शिवलिंग का छोर ढूंढने की लेकिन बहुत खुदाई करने के बाद भी शिवलिंग का छोर नहीं मिला तो उन्होंने हार मान ली.

इन दो चमत्कारों के अलावा एक और खास बात है जो इस मंदिर को प्रसिद्ध बनाती है.

मना जाता है कि अचलेश्वर महादेव में दर्शन और पूजा अर्चना करने से सब मनोकामनाएं पूरी होती है.

इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यदि कुंवारे लड़का या लड़की इस मंदिर में शिव की आराधना करते है तो उन्हें मनपसन्द साथी मिलता है और उनका विवाह होता है.

तो ये था धौलपुर में बीच बीहड़ में खड़ा अचलेश्वर महादेव का मंदिर. तो कब जा रहे है आप इस मंदिर के चमत्कारों को अपनी आँखों से देखने या फिर अपनी पसंद का साथी पाने की प्रार्थना करने भी जा सकते है.

Yogesh Pareek

Writer, wanderer , crazy movie buff, insane reader, lost soul and master of sarcasm.. Spiritual but not religious. worship Stanley Kubrick . in short A Mad in the Bad World.

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