भारत के हर शहर और राज्य में भगवान शिव के अनेक मंदिर और शिवलिंग स्थापित हैं। इनमें से एक अचलेश्वर महादेव मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है। दुनियाभर में अनेक स्वयंभू मंदिर हैं जिनमें से एक अचलेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग भी है।
राजस्थान के धौलपुर में अचलेश्वर महादेव मंदिर में स्थापित शिवलिंग भी स्वयंभू है। इस शिवलिंग की खासियत के बारे में जानकर आपको भी हैरानी होगी।
धौलपुर का शिवलिंग
राजस्थान के एक जिले धौलपुर अपने बीहड़ के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इन बीहड़ों के बीच स्थित है भगवान शंकर का एक मंदिर जिसे अचलेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। मंदिर के आसपास का पूरा रास्ता बीहड़ है और इस वजह से यहां पहुंचना काफी कठिन होता है। ये मार्ग खतरों से भी भरा है लेकिन भोले की भक्ति के आगे उनके भक्त खींचे चले आते हैं। हर मुश्किल और हर डर को किनारे रखकर भोलेनाथ के भक्त यहां चले आते हैं।
रंग बदलता है शिवलिंग
आपको जानकर हैरानी होगी कि राजस्थान के इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। सुबह के समय शिवलिंग की आभा लाल रहती है और दोपहर में इसका रंग केसरिया हो जाता है जबकि दिन ढ़लने के साथ इसका रंग श्याम हो जाता है। किसी के पास भी इस चमत्कारिक शिवलिंग का कोई जवाब नहीं है।
किसी को नहीं पता रहस्य
किवंदती है कि कठिन और खतरों से भरे रास्ते की वजह से कई साल पहले शिवभक्तों ने स्वयंभू शिवलिंग को शिफ्ट करने के लिए खुदाई शुरु कर दी थी लेकिन उन्हें यह खुदाई बीच में ही बंद करनी पड़ी क्योंकि काफी गहराई तक खुदाई करने पर भी शिवलिंग के अंतिम छोर तक पहुंच नहीं पाए थे।
शादी की कामना पूरी करता है शिवलिंग
भगवान भोलेनाथ को तो वैवाहिक जीवन का सुख देने के लिए ही जाना जाता है। जिस तरह भोलेनाथ ने मां पार्वती को मनचाहे वर का वरदान दिया था उसी तरह इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग भी लोगों की मनचाहे जीवनसाथी को पाने की मनोकामना पूरी करता है। सावन के सोमवार में शिव की पूजा करने से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। अपने लिए सुयोग्य जीवनसाथी की मनोकामना लेकर बड़ी संख्या में युवा यहां पहुंचते हैं।
इस तरह अचलेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की मनचाहे जीवनसाथी पाने की मुराद के साथ और भी कई तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। अगर आप भी मनचाहा जीवनसाथी पाना चाहते हैं तो इस सावन के महीने के खत्म होने से पहले ही भगवान शिव से प्रार्थना कर आएं। सावन का समय भगवान शिव की आराधना के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है और अगर आपकी भी कोई इच्छा अधूरी रह गई है तो इस पावन महीने में उसे पूरा करने के लिए भगवान शंकर की शरण में आ सकते हैं।
राजस्थान में अचलेश्वर महादेव मंदिर के अलावा और भी कई दर्शनीय और धार्मिक स्थल हैं जिनमें से एक ब्रह्मा जी का एकमात्र मंदिर है। जी हां, पूरी दुनिया में ब्रह्मा जी का सिर्फ एक ही मंदिर है जोकि राजस्थान के अलवर में स्थित है। अचलेश्वर आएं तो इस मंदिर के दर्शन भी जरूर करें।
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