कीर्ति आज़ाद – क्रिकेट और बॉलीवुड में नाम कमाने के बाद लोगों को खूब पैसा और शोहरत मिलती है। ये दो ऐसी फील्ड हैं जिसमें अगर एक बार किस्मत चमक जाए तो इंसान मालामाल हो जाता है।
हालांकि क्रिकेट की दुनिया में अपना नाम बनाने के लिए कड़ी मेहनत भी करनी पड़ती है तभी जाकर एक क्रिकेटर को नाम और शोहरत मिल पाती है।
भारतीय टीम में कई क्रिकेटर ऐसे हैं जो पहले बहुत गरीब थे लेकिन जब से उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरु किया उनके पास नाम और पैसे की कोई कमी नहीं रही। आज हम आपको एक ऐसे ही क्रिकेटर के बारे में बताने जा रहे हैा जिसके पास शुरुआती दिनों में रहने के लिए सिर पर छत तक नहीं थी लेकिन आज वो बंगले में शान से रहता है। तो चलिए जानते हैं फर्श से अर्श तक पहुंचने वाले इस क्रिकेटर के बारे में …
– दरभंगा से सांसद कीर्ति आज़ाद 1993 में क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद राजनीति में उतरे थे। उनका क्रिकेट करियर बेहद शानदार रहा है।
– 1993 में राजनीति में आने के बाद कीर्ति आज़ाद 2004 में पहली बार लोकसभा चुनाव में हारे थे। उन्हें आरजेडी के मोहम्मद अली अशरफ फातमी से हार का सामना करना पड़ा था।
– 2004 के लोकसभा चुनाव में कीर्ति ने 54 लाख रुपए की अपनी संपत्ति की घोषणा की थी। उनके एफिडेविट के मुताबिक उस समय उनके पास कोई जमीन या लैंड प्रॉपर्टी नहीं थी।
– 2014 के लोकसभा चुनाव में कीर्ति ने 2.85 करोड़ की अपनी संपत्ति की घोषणा की थी।
– उनका दरभंगा के कटहलाड़ी में 1 करोड़ का बंगला है। इसके अलावा दरभंगा के ही बहादुरपुर में 35 लाख रुपए के खेत भी हैं।
– कीर्ति की सालाना आय 1.1 करोड़ रुपए है। घर पर 13.65 लाख रुपए की दो स्कॉर्पियो कार खड़ी रहती हैं। एक कार 2009 और दूसरी 2010 में खरीदी थी।
कीर्ति एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर और पॉलीटिशियन हैं। उन्होंने 7 टेस्ट और 25 वनडे खेले हैं। वह पूर्व मुख्यमंत्री बिहार के भागवत झा आजाद के बेटे हैं। वह एक आक्रामक दाएं हाथ के बल्लेबाज़ और एक क्यूकिश ऑफ स्पिनर थे। वो 1983 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। वह वर्तमान में अपने तीसरे कार्यकाल में लोकसभा में सेवारत हैं। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में दरभंगा, बिहार से जीत दर्ज की थी।
क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद कीर्ति ने अपने पिता की तरह राजनीति में कदम रखा और यहां भी उन्हें सफलता मिली। क्रिकेट के मैदान की तरह राजनीति में भी कीर्ति अभी तक राजनीति के क्षेत्र में जमे हुए हैं और उन्हें जनता का समर्थन भी मिल रहा है।
आपको बता दें कि कीर्ति आज़ाद की तरह क्रिकेट के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी राजनीति में आए हैं। हाल ही में सचिन ने संसद में हिस्सा भी लिया था। राजनीति, बॉलीवुड और क्रिकेट का बहुत गहरा नाता रहा है। क्रिकेट खेलते हुए खिलाड़ी खूब विज्ञापन करते हैं और क्रिकेट करियर से सन्यास लेने के बाद वो राजनीति में आ जाते हैं।
अमूमन अधिकतर क्रिकेटर्स का करियर प्लान कुछ ऐसा ही रहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले क्रिकेटर्स भी यही प्लान अपनाते हैं या उन्होंने कुछ और सोचा है।
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