पिछले 6-8 महीनों से जो हो रहा है उसको देखते हुए मेरी पत्नी ने कहा “अब ये देश रहने के काबिल नहीं है .”
ये बात किसी राजनेता ने नहीं कही ना ही ये बात कही है किसी पुरूस्कार लौटाने वाले ने. ये कहना है हिंदी सिनेमा के सुपरस्टार आमिर खान का.
कल रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरूस्कार समारोह में एक इंटरव्यू के दौरान आमिर ने ये बात कही. अब आमिर खान ने ये बात किस सन्दर्भ में कही उनके मन में क्या है ये तो वो ही जाने. लेकिन आमिर खान जिस देश के लोगों ने आपको इतना प्यार दिया, इतना सम्मान दिया अपनी सर आँखों पर बैठाया उस देश के लिए आप ऐसा कैसे कह सकते है.
आखिर ऐसा क्या हो गया पिछले 6-8 महीने में जो आपको और आपकी पत्नी को लगने लगा कि ये देश अब रहने लायक नहीं रह गया है.
पहले शाहरुख़ और अब आमिर खान ने इस तरह के बयान देकर असहिष्णुता के मुद्दे की भड़की आग को और हवा दे दी है.
चलिए आमिर आपने जब ये कह ही दिया है कि इस देश की हालत ऐसी है कि इस देश को छोड़कर जाना ही बेहतर है. तो ज़रा बताइए आप भारत छोड़कर कहाँ जायेंगे जहाँ असहिष्णुता या इसी प्रकार की अन्य समस्याएं नहीं है.
क्या आप अमेरिका जायेंगे जहाँ आज भी मुसलामानों को शक की नज़र से देखा जाता है. याद है हवाई अड्डे पर शाहरुख़ खान के साथ हुई घटना?
या फिर आप इंग्लैंड जाना चाहेंगे जहाँ के रंगभेद के बारे में पूरी दुनिया को पता है. जहाँ आज भी ना सिर्फ हिन्दुस्तानियों बल्कि भारतीय उपमहाद्वीप के लोगों को तरह तरह का भेदभाव सहना पड़ता है.
या फिर आप किसी इस्लामिक देश जाना चाहेंगे?
हम सब जानते है कि दुनिया में 56 इस्लामिक देश है, लेकिन क्या आप एक भी इस्लामिक देश बता सकते है जहाँ धार्मिक कट्टरता ना हो.
क्या आप और आपका परिवार रह सकेगा शरियत कानून के साथ.
भारत की परिस्थितियों से आप घबरा गए बाकि देशों में तो हालात बद से बदतर होते जा रहे है. जहाँ तक सुरक्षा का सवाल है तो हाल ही में जब इस्लामिक कट्टरपंथियों ने फ्रांस जैसे शांत और विकसित देश की राजधानी पेरिस में घुसकर 120 से ज्यादा लोगों को बेदर्दी से मार डाला.
सुरक्षा की गारंटी कहीं नहीं है और ना ही दुनिया का कोई भी देश “उटोपिया ” है जहाँ कोई भी समस्या ना हो.
अब या तो ये हो सकता है कि आपने ऐसी बात सुर्ख़ियों में आने के लिए कही है क्योंकि काफी समय से आपकी कोई फिल्म नहीं आई है और अब जब नयी फिल्म आने को है तो आप पहले से माहौल बनाना चाह रहे हो. क्योंकि बाकि दोनों खान तो अपनी फिल्मों प्रेम रतन धन पायो और दिलवाले की वजह से काफी दिनों से सुर्ख़ियों में चल रहे है.
अगर ये बयान आपके दिल की बात है तो ज़रा एक बार उन देशों के चक्कर लगा कर आइये जहाँ धार्मिक कट्टरता इतनी बढ़ गयी है कि वहां मर्द,औरत,बच्चे,बूढ़े किसी को भी नहीं छोड़ा जा रहा है. धार्मिक कट्टरता की आग में सब मारे जा रहे है.
सीरिया,इराक,यमन हो या फिर कोई और देश वहां के तो साधारण नियम कानून ही ऐसे है कि जिनके सामने हमारे देश की तथाकथित असहिष्णुता कुछ भी नहीं है.
अब चलते चलते आखिरी बात अगर याद हो तो आपकी अपनी एक प्रसिद्ध और सुपरहिट फिल्म में ये संवाद था
“कोई भी देश परफेक्ट नहीं होता है, उसे परफेक्ट बनाना पड़ता है ”
तो आमिर खान अपनी फिल्म के संवाद को अपने निजी जीवन में भी अपनाइए और देश छोड़ने की बजाय कोशिश कीजिये इस देश की समस्याओं को हल करने की और इसे परफेक्ट बनाने की.
देश छोड़कर जाने जैसी बातें बोलकर शायद आप जाने अनजाने असहिष्णुता और धार्मिक अलगाव को हवा ही दे रहे है.
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