न्यूजीलैंड के एक वैज्ञानिक ने जैसे ही यह बताया कि हमारी (न्यूजीलैंड) विदेशी गायों का दूध इंसान के पीने लायक नहीं होता है तभी वहां की सरकार ने इस वैज्ञानिक को जेल में डाल दिया था. बात आगे बढ़ी और रिसर्च चालू हुई तो यह बात सामने आई कि हाँ यह बात सत्य है कि विदेशी गाय का दूध ए1 दूध होता है.
अंग्रेजी गायों का केसीन वाला ए1 दूध जब हमारे शरीर में जाता है तो वह (BCM7) betacasomorphine बना देता है. जब यह चीज मानव शरीर में बनती तो यह जहर का काम करने लग जाती है.
आइये आज हम आपको विदेशी गाय के दूध की हानि बताते हैं जबकि आज अधिक दूध देने वाली गायों की संख्या देश में बढ़ गयी है-
ए1 दूध से होती हैं यह बीमारियाँ –
1. कैंसर का खतरा
विदेशी गाय का दूध मानव शरीर में पचता नहीं है. इसमें जिस तरह के रसायन होते हैं वह व्यक्ति के शरीर में कैंसर के खतरे को बढ़ा देते हैं. विदेशी नस्ल की गाय के दूध में केसीन बताया जाता है जो इन्सान के शरीर में जहर का निर्माण करता है.
2. मधुमेह का सबसे बड़ा कारण यही दूध है
आज विश्वभर में जिस तरह से मधुमेह ने अपने पैर पसार लिए हैं उसका सबसे बड़ा कारण यही ए1 दूध है. betacasomorphine का सबसे बड़ा नुकसान वैज्ञानिक यही बताते हैं कि इस दूध इ बॉडी में शुगर बढ़ता है. बाद में इसी कारण से मधुमेह हो जाता है.
3. रोगप्रतिरक्षण क्षमता कम होती है
खून के अन्दर रेड सेल्स को betacasomorphine काफी कम करता है. इंसान का शरीर इस दूध के कारण बुखार जैसी बीमारी से भी लड़ने लायक नहीं रहता है. बच्चों को यह दूध दिया जाये तो सबसे बड़ा नुकसान उन्हीं को पहुँचता है.
4. मानसिक रोग
ए1 दूध के कारण ही आज इंसान की विवेक शक्ति कम हो रही है और वह मानसिक रोगों का शिकार हो रहा है. असल में विदेशी गाय के दूध में फेट काफी है और इसमें जो तत्व हैं वह जानवरों के शरीर में पाए जाते हैं. इन्सान के लायक एक भी तत्व इस दूध में नहीं होता है.
इसलिए बोला जाता है देशी गाय
आज ब्राजील और न्यूजीलैंड के देश भारत से गाय खरीद रहे हैं और यहाँ के नंदी की मदद से अपनी गायों की नस्ल बदल रहे हैं. ऐसा इसलिए है क्योकि यह लोग समझ गए हैं कि भारत की गायों के दूध में ए2 तत्व है. यही ए2 मानव शरीर में तुरंत पच जाता है. इसकी पुष्टि वैज्ञानिकों ने भी कर दी है. इस दूध में जो प्रोटीन और विटामिन हैं वह इंसान के खून में आसानी से मिल जाते हैं. ए2 दूध शरीर में नये रेड सेल्स को बनाता है इसी कारण से व्यक्ति स्वस्थ रहता है.
साथ ही साथ वैज्ञानिकों ने यह भी देखा है कि अगर आप देशी गाय को कितना ही नुकसानदायक भोजन खिला देना किन्तु उसके दूध में वह जहरीले तत्व नहीं पाए जाते हैं. यही मुख्य कारण है कि विदेशों में भारत की देशी नस्ल की गायों की मांग उठ रही है.
तो अब आगे आप खुद तय कीजिये कि आप अपने बच्चों को जहर देना चाहते हैं या फिर उनको अमृतपान कराना चाहते हैं. आज भारत में देशी गायों की संख्या तेजी से कम हो रही हैं इस ओर भी ध्यान देने की आवश्यकता है.
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