महात्मा गाँधी का चरित्र – महात्मा गांधी, आप और हम सभी इनको बापू के नाम से भी जानते हैं. देश का इतिहास बताता है कि भारत की आजादी में इनका बहुत बड़ा योगदान था. अहिंसा के दम पर देश को आजाद कराने का श्रेय इन्हीं को जाता है.
लेकिन गांधी जी की लाइफ से जुड़ी हुई बहुत सी बातें ऐसी भी हैं जिनके ऊपर पर्दा रखा गया है और सभी उसको जानना भी चाहते हैं.
तो आज आपको महात्मा गाँधी का चरित्र और उसके जीवन के कुछ मसालेदार राजों से रूबरू कराते हैं-
गांधी जी का सरला देवी से ‘आध्यात्मिक विवाह’
गांधी जी के पोते कहते हैं कि रविंद्र नाथ ठाकुर की भतीजी सरला देवी और महात्मा गाँधी के प्रेम सम्बन्ध इतने गहरे थे कि गांधी जी ने कहा था कि सरला के साथ उनका ‘अध्यात्मिक विवाह’ हो चुका है.
महात्मा गाँधी का चरित्र – गांधीजी के पोते राजमोहन गांधी ने अपनी एक पुस्तक “मोहनदास : अ ट्रू स्टोरी ऑफ ए मैन, हिज पीपुल एंड एन एंपायर” में लिखा है कि अपनी विवेकबुद्धि के लिए प्रख्यात महात्मा गांधी विवाहित और चार संतानों के पिता होने के बावजूद 50 वर्ष के उम्र में सरला देवी के प्रेम में पड़ गए थे. इतना ही नहीं, वे 47 साल की शादीशुदा महिला सरला से शादी करने के लिए भी तैयार हो गए थे. उल्लेखनीय है कि सरला देवी नोबल पुरस्कार विजेता कवि लेखक रवींद्रनाथ टैगोर की बड़ी बहन स्वर्ण कुमारी की बेटी थीं.
जब सोने लगे थे गांधी निर्वस्त्र!!!
कुछ साल पहले यह खुलासा लंदन के प्रतिष्ठित अख़बार “द टाइम्स” ने किया था और वह लिखता है कि गांधी को कभी भगवान की तरह पूजने वाली 82 वर्षीया गांधीवादी इतिहासकार कुसुम वदगामा ने कहा है कि गांधी को सेक्स की बुरी लत हो गयी थी. वह आश्रम की कई महिलाओं के साथ निर्वस्त्र सोते थे, वह इतने ज़्यादा कामुक थे कि ब्रम्हचर्य के प्रयोग और संयम परखने के बहाने चाचा अमृतलाल तुलसीदास गांधी की पोती और जयसुखलाल की बेटी मनुबेन गांधी के साथ सोने लगे थे. ये आरोप बेहद सनसनीख़ेज़ हैं क्योंकि किशोरावस्था में कुसुम भी गांधी की अनुयायी रही हैं.
एक और गाँधी का दोस्त लिखता है
ऐडम्स के मुताबिक जब बंगाल के नोआखली में दंगे हो रहे थे तक गांधी ने मनु को बुलाया और कहा “अगर तुम मेरे साथ नहीं होती तो मुस्लिम चरमपंथी हमारा क़त्ल कर देते. आओ आज से हम दोनों निर्वस्त्र होकर एक दूसरे के साथ सोएं और अपने शुद्ध होने और ब्रह्मचर्य का परीक्षण करें.”
इसके साथ-साथ ज्ञात हो कि गांधी पर समलैंगिक होने के भी आरोप लगे हैं. अब अगर कोई लेखक ऐसा लिखता है तो निश्चित है कि वह ऐसा सब किसी न किसी आधार पर ही लिख रहा होगा.
अगर आप गांधी द्वारा लिखी पुस्तक ‘सत्य के साथ प्रयोग’ पढ़ते हैं तो यहाँ खुद गांधी जी ने काफी इस तरह की बातों का जिक्र किया है कि आपको पढ़कर लगेगा कि हम किस तरह के व्यक्ति को राष्ट्रपिता मानते आ रहे हैं.
महात्मा गाँधी का चरित्र – क्या वाकई सेक्स जैसी चीज गांधी जी पर काफी हावी हो चुकी थी? इस बात का फैसला आपको खुद करना चाहिए ताकि कहीं आपके गांधी प्रेम को कहीं चोट ना पहुंचे.