पीरियड फ्री कैंपेन – पीरियड्स एक ऐसा शब्द जिसे लेकर हमारे समाज में आज भी शर्म और झिझक है.
इसी झिझक की वजह से महिलाओं की सेहत से जुड़े इस अहम मसले पर कम ही बात होती है और नतीजा ये कि महिलाओं की पीरियड्स हाइजीन के बारे में पूरी जानकारी नहीं है, खासतौर से गांव-कस्बे की महिलाओं को. भारत में टैबू इसी विषय पर काम के लिए एक भारतीय लड़की को सम्मानित किया गया है.
18 साल की अमिका जॉर्ज ने अपने ‘पीरियड फ्री कैंपेन’ के लिए ऑस्कर जीता है. नाम सुनकर आप चौंक सकते हैं, लेकिन इससे पहले कि आप कुछ और समझें हम आपको बता दें कि अमिका को गोलकीपर ग्लोबल अवॉर्ड दिया गया. जिसे सामाजिक क्षेत्र का ऑस्कर सम्मान कहा जाता है. दुनिया के सबसे अमीर शख्सियतों में शुमार बिल गेट्स और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ये अवॉर्ड देता है. इस साल ये अवॉर्ड तीन लोगों को मिला है. इसमें एक भारतीय मूल की लड़की अमिका जॉर्ज भी शामिल है.
Young people like #Goalkeepers18 winners @NadiaMuradBasee, @AmikaGeorge, and Dysmus Kisilu aren’t just the leaders of tomorrow, they’re the leaders of today. I’m optimistic that global progress will continue—as long as we invest in young people. pic.twitter.com/cdEfvwhFTZ
— Bill Gates (@BillGates) September 26, 2018
अमिका को ये अवॉर्ड उनके पीरियड फ्री कैंपेन के लिए दिया गया. जो उन्होने ब्रिटेन में 2017 में चलाया था. उन्होंने दिसंबर 2017 में पीरियड फ्री कैंपेन चलाया. इस प्रदर्शन में उनके साथ 2000 लोग शामिल हुए. इसमें अमिका ने मांग की कि गरीब लड़कियों को स्कूलों में मुफ्त में सैनेटरी पैड दिए जाएं. गोलकीपर अवॉर्ड को बिल गेट्स और मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने 2017 में शुरू किया था. इसमें उन लोगों को सम्मान दिया जाता है, जिन्होंने सामाजिक क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है.
अमिका का परिवार केरल का रहने वाला है, लेकिन अब वो इंग्लैंड में सेटल हो चुका है. अमिका को जो अवॉर्ड दिया गया है उसके तहत 15 लाख पाउंड का इनाम दिया गया. एक इटरव्यू के दौरान अमिका ने भी माना कि पीरियड्स पर पूरी दुनिया में लोग खुलकर बात नहीं करना चाहते. 2017 में अमीका ने जब एक रिपोर्ट पढ़ी कि पीरियड्स के कारण कई लड़कियों को अपना स्कूल छोड़ना पड़ता है तब उन्होंने पीरियड फ्री कैंपने की शुरुआत की.
अमिका का कहना है कि गरीब लड़कियां सेनेटरी पैड्स खरीद नहीं सकतीं. यहां तक कि ब्रिटेन में भी 10 में से एक लड़की ऐसी है, जो पैसों की कमी की वजह से सैनेटरी पैड्स नहीं खरीद पाती. ये जानकर अमीका को बहुत हैरानी हुई, साथ ही इस बात से भी कि ब्रिटेन की सरकार भी इस दिशा में कुछ नहीं कर रही है. इसके बाद अमिका ने ऑनलाइन अपना कैंपेन शुरू कर दिया. दिसंबर 2017 में डाउनिंग स्ट्रीट पर करीब 2000 लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. इसमें अमिका का पूरा परिवार शामिल था.
लड़कियों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए चलाए गए इस कैंपेन अमिका को दुनिया भर में मशहूर कर दिया. हमारे देश में भी इसी तरह के कैंपने की ज़रूरत है, क्योंकि यहां आज भी महीने को उन 5 दिनों में महिलाओं को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और उन्हें मेन्स्ट्रुअल हाइजीन के बारे में भी पूरी जानकारी नहीं है.