पहला प्यार जो कभी नमकीन नहीं होता. दिल में रखा-रखा, ता-उम्र इस तरह से अपनी मिठास बनाये रखता है, जैसे एक बंद बर्तन में, मुरब्बा अपना मीठापन सजाये रखता है. जब दिल करे, दिल से निकालो, निहारो और जुबान पर इसका मीठापन महसूस कर लो.
प्रियंका को 21 साल की उम्र में, अमित से प्यार हुआ था. दोनों साथ में एक ही कालेज में पढ़ते थे. 2 साल तक ये प्यार दिल्ली की हवा में परवान चढ़ता रहा. फिर कालेज के अंतिम साल, प्रियंका किन्ही वजहों से कालेज छोड़ देती है. धीरे-धीरे दोनों का पहला प्यार खत्म हो जाता है. कहानी यहाँ खत्म नहीं होती, जब प्रियंका की एक दिन शादी हो जाती है, तब दोनों की एक मुलाक़ात होती है, जहाँ बातें नहीं होतीं बस दोनों ओर के आँखों से बहते आसूं, सारी कहानी बयाँ कर देते हैं.
हम बात बात कर रहे हैं, जिंदगी के पहले प्यार की. वैसे तो सभी कहते हैं कि पहला प्यार कभी भुला नहीं जा सकता. कई लोग खुलेआम इस बात को मान लेते हैं, कई सबके सामने मानने का इज़हार तो नहीं करते, पर वो इससे इंकार भी नहीं कर सकते हैं. लेकिन अक्सर यहाँ एक दर्द होता है कि पहला प्यार ज्यादातर पूरा नहीं होता. लेकिन फिर भी वो कौन से कारण होते हैं, जिनकी वजह से यह हमें मरते दम तक याद रहता है? जानते हैं ऐसे ही कुछ कारणों को…
फूल टाइम मौज-मस्ती
जो मौज-मस्ती पहले प्यार के साथ होती है, वो आगे हो नहीं पाती है. इसके पीछे एक बड़ा कारण यह है कि पहले प्यार से पहले हम कुछ ज्यादा घूमने जा नहीं पाते हैं और जब कोई साथ होता है तो सारी दुनिया उसके साथ घुमने वाले पल कभी भुलाए नहीं का सकते हैं. आगे की जिंदगी में हम काफी व्यस्त भी हो जाते हैं. इसलिए ये पल जिंदगी भर याद रहते हैं.
सजाये हुए ‘सपनों’ को पहले प्यार के साथ पूरा करना
प्यार मिलने से पहले हम बस सपने सजा रहे होते हैं कि अगर वो मिल जायें, तो ये करेंगे, वो करेंगे, ऐसीं-ऐसीं बातें करेंगे, यहाँ सपनों का एक छोटा-सा संसार बना लेते हैं और पहले प्यार के साथ हम इन्हीं सारे सपनों को जितना भी हो सके पूरा जरूर करते हैं.
एक एहसास
पहले प्यार के बाद कई नये एहसासों से हम रूबरू होते हैं. रातों को जग-जग कर बात करना. घर से झूठ बोलकर उनके साथ घूमना. इस एहसास को हम कभी भूल नहीं पाते हैं.
पहला प्यार- पहली शादी
हर कोई अपनी शादी के सपने संजोता है, अपने मन में जीवनसाथी की एक रूपरेखा बना लेता है. अक्सर हम अपनी पहली मोहब्बत के साथ शादी की इतनी बातें करते हैं कि की वो हमारा पार्टनर बन जाता है. यहाँ तक कि कई बार हम सेक्स की अपनी जिज्ञासा को भी, यहाँ शेयर करते हैं. जिसके कारण ये हमारी कल्पनायों में वह बस जाता है.
अभी हाल ही में एक सर्वे से पता चला था कि एक तिहाई से ज्यादा लोगों का कहना है कि वे अब भी अपने पहले प्यार के लिए संवेदनशील हैं. ऐसा अगर नहीं है तो हम क्यों अपने पहले प्रेमी को फेसबुक पर खोजते हैं? क्यों उसकी तस्वीर कहीं ना कहीं छुपा कर रखते हैं? उनके लव लेटर्स, उनके दिए उपहार क्यों संभाल कर रखते हैं? ये बात तो सच है कि पहली मोहब्बत उम्र के किसी भी दौर में हो जाए, लेकिन याद जिंदगी भर रहती है.
ये पहला प्यार ज़िंदा तब तक रहता है, जब तक हमारी सासें चलती रहती हैं. इसलिए हो सके तो अपने पहले प्यार को कभी खुद से जुदा नहीं होने देना चाहिए. इस छोटी-सी लाइफ में, उसके जाने से बने खालीपन, को भर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है.