मैरीकॉम – पांच बार वर्ल्ड चैंपियनशिप का खिताब, ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल और एशियाड में गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुकी मैरीकॉम ऐसे ही विश्वचैंपिंयन नहीं है। उन्होंने अपने लिए काफी मेहनत की है। एक पदक उनके लिए केवल एक पदक नहीं होता है। वह इस पदक को जीतने के लिए अपनी जान लगा देती हैं। जैसा कि उन्होंने हाल ही में किया है।
हाल ही में वह पोलैंड के गिलवाइस में 13वें सिलेसियन मुक्केबाजी टूर्नामेंट भाग लेने के लिए गईं थीं और उन्होंने वहां इस टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए केवल 1 घंटे में 2 किलो वजन घटाया।
ये है मैरीकॉम का जुनून
इसे ही जुनून कहते हैं। एक कहावत है, जब आप मैं जुनून हो तो आप बड़े से बड़ा रिकॉर्ड ब्रेक कर सकते हैं। यह कहावत मैरीकॉम पर सटीक बैठती है। मैरीकॉम ने केवल क्वालीफाई करने के लिए चार घंटे में दो किलो वजन कम किया था। पौलेंड का सफर पूरा कर जहां सारे
खिलाड़ी आराम कर रहे थे वहीं मैरीकॉम अपना वजन घटाने के लिए पसीना बहा रही थी।
जीता गोल्ड मेडल भी
मैरीकॉम उनकी मेहनत का फल भी मिला। उन्होंने जिस टूर्नामेंट में केवल क्वालीफाई करने के लिए चार घंटे में दो किलो वजन घटाया थो उस टूर्नामेंट में वह गोल्ड मेडल जीतने में सफल भी रहीं।
जब पोलैंड पहुंची तो ज्यादा था वजन
पोलैंड के गिलवाइस में हाल ही संपन्न हुए 13वें सिलेसियन मुक्केबाजी टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए जब मैरीकॉम वहां पहुंची तो उनका वजन बढ़ा हुआ था। टूर्नामेंट शुरू होने में केवल चार घंटे का समय बाकी था। इसलिए सारे खिलाड़ी आराम करने लगे। लेकिन मैरीकॉम ने कसरत करनी शुरू कर दी। क्योंकि वहं पहुंचने पर उनका वजन दो किलो बढ़ा हुआ था।
एक घंटे तक कूदी रस्सी
लंबी यात्रा के बाद पोलैंड पहुंचते ही भारतीय मुक्केबाज एमसी मैरीकोम ने थकान होने के बावजूद रस्सी कूदना शुरू कर दिया था। उन्होंने एक घंटे तक लगातार रस्सी कूदी। जिसके बाद जब वजन नापा तो उनका वजन कम हो चुका था। जिसके बाद उन्होंने लगातार और रस्सी कूदनी शुरू की और दो घंटे बाद वह क्वालीफाई करने के योग्य थीं।
जीता साल का तीसरा गोल्ड मेडल
48 किलोग्राम भार वर्ग में वे भाग लेने के लिए पोलैंड पहुंची थीं। उन्होंने क्वालीफाई करने के लिए दो किलो वजन चार घंटे में कम भी किया और टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया, जो इस साल का उनका तीसरा पीला तमगा है।पांच बार की विश्व चैम्पियन मैरीकॉम ने स्वदेश वापसी के बाद उन्होंने कहा, ‘हम लगभग तीन-साढ़े तीन बजे सुबह पोलैंड पहुंचे और टूर्नामेंट के लिए वजन कार्यक्रम सुबह साढ़े सात बजे होना था। मुझे 48 किलोग्राम भार वर्ग में भाग लेना था और मेरा वजन उससे दो किलो ज्यादा था।’
2020 के ओलंपिक में लेंगी हिस्सा
ओलंपिक कांस्य पदकधारी 35 साल की इस मुक्केबाज ने कहा, ‘मेरे पास वजन कम करने के लिए लगभग चार घंटे का समय था। ऐसा नहीं करने पर मैं डिस्क्वालीफाई हो जाती। मैंने लगातार एक घंटे तक रस्सी कूदी और फिर मैं वजन नापने के लिए तैयार थी’।
यह खिलाड़ी दो महीने के बाद 36 साल की हो जाएंगी। इस उम्र में सारे खिलाड़ी रिटायरमेंट लेते हैं। लेकिन मैरीकॉम के साथ ऐसा नहीं है। वह पूरी तरह से फिट हैं और 2020 के ओलंपिक में हिस्सा लेंगी।
उन्होंने कहा, ‘नवंबर में होने वाली विश्व चैम्पियनशिप मेरा आखिरी टूर्नामेंट नहीं होगा। मैं 2020 ओलंपिक तक कहीं नहीं जा रही बशर्ते मैं फिट रहूं। मैं अपनी कमियों को जानती हूं लेकिन मुझे अपने मजबूत पक्षों के बारे में भी पता है। अगर कोई चोट लगती है तब आगे की योजना के बारे में सोचूंगी’।
इसे ही कहते हैं जुनून जो कुछ भी कर गुजरने के लिए प्रेरित करता है। इसलिए जुनून में बड़े से बड़े रिकॉर्ड टूट जाते हैं।