बसंत पंचमी के साथ ही बसंत के मौसम का आगमन हो चुका है.
राजस्थान का मेवाड़ महोत्सव भी हर साल मार्च के महीने में बसंत ऋतु के स्वागत में बड़ी जोर-शोर से उदयपुर में मनाया जाता है.राजस्थानी संस्कृति अपने रंगीले मिजाज़ के लिए दुनिया भर में जानी जाती है.
राजस्थानी महलों से लेकर राजस्थानी लोक गीत तक सभी दिलों में उत्साह और उमंग की लहर भर देते हैं.
यह महोत्सव मेवाड़ के महाराणा चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जाता है. इस वर्ष यह २२ से २४ मार्च को आयोजित किया जाएगा.
झीलों की नगरी उदयपुर, इस मेवाड़ महोत्सव के दौरान अलग ही चकाचौंध से जगमगा उठती है. ये नज़ारा वाकई देखने लायक होता है. दुनिया भर से हज़ारों पर्यटक इस महोत्सव की भव्यता और सुन्दरता को देखने हर साल यहाँ आते हैं.
यह महोत्सव, राजस्थान के ही गणगौर उत्सव के साथ मनाया जाता है और इसका एक अलग ही आकर्षण होता है.इस महोत्सव के दौरान राजस्थानी लोकनर्तको द्वारा कई रंगीन प्रस्तुतियां दी जाती है. राजस्थानी लोक गीतों के साथ यह महोत्सव अपने आप में कई खूबसूरत चीज़ें समेट कर लाता है.
गणगौर उत्सव के दो दिवसीय कार्यक्रम के साथ, महिलाओं के जुलुस का यहाँ की प्रसिद्ध पिछोला झील पर जा कर समापन होता है और इसी के साथ मेवाड़ महोत्सव के कार्यक्रम का आगाज़ होता है. एक तरह से यह महोत्सव, मेवाड़ संस्कृति और उसकी विरासत के संरक्षण के लिए मनाया जाता है. यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रह विरासत महोत्सव है जो बड़ी ही गर्मजोशी के साथ मनाया जाता है.
हर वर्ष इस महोत्सव में कई प्रकार की मनोरंजक गतिविधियाँ आयोजित की जाती है जो कि मेवाड़ की संस्कृति, परंपरा और कला का प्रदर्शन करती हैं. इसमें कई पेशेवर कलाकार भी भाग लेते हैं. यह एक बड़ा ही सुनहरा मौका होता है जब आप कई तरह के पारंपरिक वाध्य यंत्रों को एक साथ देख और सुन सकते हैं.
तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में कई हस्तशिल्प के कारीगर भी अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं और इनके हाथों से बनी कई सुन्दर चीज़ों को प्रदर्शित किया जाता है. इसका एक बड़ा अहम् उद्देश्य इस कला को जीवंत बनाए रखना है और इसे एक नयी पहचान दिलाना भी है.
तो इस वर्ष आप भी इस अनूठे महोत्सव में हिस्सा लेकर अपनी यात्रा में एक नए अनुभव को जोड़ सकते हैं.