भगवान गणेश के अंग – महाराष्ट्र का सबसे बड़ा उत्सव गणेशोत्सव आज से शुरू हो चुका है.
पूरे राज्य में इस त्योहार की धूम है. सार्वजनिक गणपति पंडालों के अलावा लोग अपने घर मे भी गणपति को विराजमान करते हैं. प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले की जाती है. गणेश चतुर्थी के मौके पर चलिए आपको बताते हैं विघ्नहर्ता गणेश जी के हर अंग का क्या मतलब होता है.
भगवान गणेश के अंग का महत्व –
बड़ा मस्तिष्क
भगवान गणेश का मस्तक काफी बड़ा होता है. अंग विज्ञान के अनुसार बड़े सिर वाला व्यक्ति बहुत बुद्धिमान होता है और नेतृत्व करने की क्षमता होती है. इसका मतलब यह है कि गणेश जी यह सीख देते हैं कि अपनी सोच को बड़ा बनाए रखना चाहिए.
छोटी आंखें
भगवान गणेश की आंखे छोटी है. कहा जाता बै कि छोटी आंखों वाला व्यक्ति चिंतनशील और गंभीर स्वभाव का होता है. यानी गणपति की आंखें यह संदेश देती है कि हर चीज का गहराई से अध्ययन करना चाहिए. ऐसा करने से आप सही फैसला कर पाते हैं.
लंबे कान
गणेश जी के कान काफी बड़े होते हैं. बड़े कान वाले व्यक्ति भाग्यशाली और लंबी उम्र वाले होते हैं. बड़े कान वाले सुनते सबकी है लेकिन करते अपने मन की है वो भी सोच समझकर. उनके लंबे कान का मतलब ये है गि आप भी बुरी चीजों को छांटकर अलग कर दे और अच्छी बातों को ग्रहण कर लें.
सूंड
भगवान गणेश की नाक यानी सूंड हमेशा हिलती डुलती रहती है. यानी ये आपको जीवन में हमेशा सक्रिय रहने काम करते रहने का संदेश देती है. साथ ही व्यक्ति को सुख-दुख हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.
बड़ा पेट
भगवान गणेश का पेट बहुत बड़ा होता है. वे हर अच्छी और बुरी चीज को पचा जाते हैं और किसी भी निर्णय पर सूझबूझ के साथ फैसला लेते हैं. गणेश जी का बड़ा पेट खुशहाली का प्रतीक होता है.
एकदंत
भगवान गणेश और परशुराम के बीच हुई लड़ाई में भगवान गणेश का एक दांत टूट गया था इस कारण से उन्हें एकदंत कहते है. भगवान गणेश ने अपने टूटे हुए दांत को लेखनी बना लिया और उससे पूरी महाभारत लिख दिया था. उनका टूटा हुआ दांत यह देता है कि हमें हर एक चीज का सही उपयोग करना चाहिए.
भगवान गणेश के अंग का महत्व – यदि आप भी सच्चे भक्ति भाव से भगवान गणेश अराधना करते हैं तो विघ्नहर्ता आपके सारे दुख और सकंट दूर कर देंगे.