कम उम्र में आईआईटी – साल 2016 में बिहार का टॉपर्स घोटाला तो आपको याद ही होगा।
इस घोटाले में उन बच्चों को टॉपर बना दिया गया था जिन्होंने पढ़ाई तक नहीं की या जिन्हें एग्जाम का बेसिक ज्ञान तक नहीं था। शिक्षा व्यवस्था के मामले में बिहार की हालत सबसे ज्यादा खराब है। यहां के बच्चों का तो जैसे पढ़ाई के नाम पर ही दम निकल जाता है।
अब तक आप भी बिहार के छात्रों के बारे में यही सोचते होंगें लेकिन आपको बता दें कि यहां पर सारे छात्र ऐसे नहीं हैं। भारत के इस राज्य में कुछ बच्चे ऐसे भी हैं जो सच में पढ़ाकू हैं और अपने जीवन में कुछ कर दिखाने का जज्बा रखते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे छात्र की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने कम उम्र में आईआईटी पास कर लिया है और बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवालों को मुंह तोड़ जवाद दिया है ।
कम उम्र में आईआईटी –
उम्मीद की किरण
इस खबर को पढ़ने के बाद आप समझ जाएंगें कि अभी बिाहर के लहू में कुछ कर गुज़रने का जज्बा बाकी है और भारत के इस पिछड़े राज्य में उम्मीद की किरण नज़र आई है। जी हां, यहां पर अभी ऐसे छात्र हैं जो अपने तेज दिमाग से कुछ कर दिखाने का जज्बा रखते हैं।
आईआईटी क्वालिफाई
बिहार के भोजपुर जिले के खेलने-खाने की उम्र में एक लड़के ने आईआईटीक्वालिफाई कर दिखाया है। इस छोटे से लड़के का नाम शिवम है और वोएक किसान का बेटा है। हाल ही में हुई जेईईएडवांस 2018 की परीक्षा में 382वीं रैंक हासिल की और इसका सारा श्रेय वो अपने बड़े भाई और टीचर को देता है।
बड़ा भाई भी कर चुका है पास
शिवम का बड़ा भाई सत्यम भी साल 2012 में आईआईटी की परीक्षा पास कर चुका है लेकिन उसकी रैंकअच्छी नहीं आई थी और इसलिए उसलेजेईईएग्जाम की तैयारी करने कोटा का रुख कर लिया। उस समय सत्यम के साथ उसका छोटा भाई शिवम भी गया था। यहां से कोचिंग लेने के बाद साल 2013 में सत्यम ने जेईईएडवांस में 679वीं रैंक हासिल की थी। अब वोआईआईटी कानपुर से एम टेक का कोर्स कर रहा है।
बड़े भाई से मिली प्रेरणा
आईआईटी क्वालिफाई करने वाले शिवम को अपने बड़े भाई सत्यम से प्रेरणा मिली थी और वो भी अपने भाई की तरह आईआईटी से पढ़ाई करना चाहता था। शिवम ने बारहवीं कक्षा में 92 प्रतिशंत अंक प्राप्त किए थे और इसके बाद वो उसने कोचिंग लेना शुरु किया और रोज़ 8 से 9 घंटे पढ़ाई करता था और अपने बड़े भाई की गाइडेंस की मदद से वो एग्जाम क्रैक कर पाने में सफल हुआ।
कम उम्र में आईआईटी – अब शिवम का इरादा आईआईटी खडगपुर से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने का है। बिहार के बखोरापुर गांव में शिवम और सत्यम के पिता सिद्धनाथ खेती और किसान का काम करते हैं। इनके दोनों बेटे देश के सबसे ऊंचे और प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ाई कर रहे हैं और हम सभी जानते हैं कि यहां से स्टूडेंट्स को विदेशों में करोड़ों के पैकेज वाली नौकरी मिलती है। अब शिवम और सत्यम के पिता अपने दोनों बेटों की तरक्की से काफी खुश हैं।