भारत की साफ़ नदी – भारत में नदियों की स्थिति एक बड़ी चिंता का विषय है।
वहीं पर्यावरणविदों का मानना है कि भारत में नदियां तेजी से खत्म हो रही हैं। समाजसेवी संस्थाओं द्वारा नदियों को बचाने के लिए नये-नये कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सरकार द्वारा नदियों की साफ-सफाई को लेकर कई प्रोजेक्ट लाए जा चुके हैं और हर साल करोड़ों रुपए नदियों की सफाई पर खर्च किए जाते हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर यह कितना सफल है यह तो सभी जानते हैं।
भारत में नदियों की बदतर होती स्थिति के बीच हम आपको एक ऐसी नदी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो एक मिसाल है कि हम चाहे तो हर नदी को इसके जैसा बना सकते हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं भारत की सबसे साफ और स्वच्छ नदी के बारे में, जिसका पानी इतना साफ है कि आप आसानी से उसमें अपना चेहरा देख सकते हैं।
क्या हुआ आप भी हैरान हो गए ना कि भारत में भी ऐसी कोई पारदर्शी नदी हो सकती है। लेकिन आप माने या ना माने ये बात सौ फीसदी सच है कि हमारे देश का हिस्सा ये साफ नदी भी है।
आइए हम आपको बताते हैं भारत की साफ़ नदी के बारे में, जिसे जानकारों ने उम्मीद से भी ज्यादा साफ बताया है।
इस नदी का पानी इतना साफ है कि नीचे का एक-एक पत्थर आपको क्रिस्टल की तरह नजर आएगा। इसमें धूल का एक कण भी आपको दिखाई नहीं देगा। इसे हमारे देश की सबसे साफ नदी कहा जाता है। इस नदी का नाम उम्नगोत है। यह भारत-बांग्लादेश सीमा के पास पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के एक छोटे कस्बे दावकी के बीच से बहती है। मेघालय की राजधानी शिलांग 95 किलोमीटर दूर है। इस नदी की खास बात ये हैं कि ये कांच जैसी पारदर्शी है।
इस पर बोटिंग करते हुए ऐसा लगता है कि आप कांच पर तैर रहे हैं। कुछ लोगों को विश्वास नहीं होता कि इतनी साफ नदी हमारे देश में भी हो सकती है, जिसमें कूड़े का एक टुकड़ा भी नजर नहीं आता।
इस नदी में बड़ी संख्या में मछलियां भी पाई जाती हैं। सर्दियों में यह और भी अधिक खूबसूरत और साफ नजर आती है। यहां आने वाले यात्रियों को गंदगी ना फैलाने सख्त चेतावनी दी जाती है, यदि वह ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर कार्रवाई भी की जाती है।
यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा समय फरवरी से अप्रैल माना जाता है।
यहां जाने के लिए आप कोई निजी वाहन भी बुक करा सकते हैं, क्योंकि यह सड़क से जुड़ा रास्ता है। यदि आप ट्रेन से आना चाहते हैं, तो गुवाहाटी रेलवे स्टेशन आपको सबसे नजदीक स्टेशन पड़ेगा।
आप सोच रहे होंगे कि हमारी देश की गंगा, जमुना जैसी बड़ी नदियां भी इतनी साफ नहीं है, तो यह मेघालय की राजधानी शिलांग की एक छोटी सी नदी इतनी साफ कैसे हो सकती है। जी हां, आप सही सोच रहे हैं, वहां के सख्त कानून और यात्रियों को सख्त हिदायत देने की वजह से ही ये नदी अभी तक साफ और कांच की तरह पारदर्शी नजर आती है।
ये है भारत की साफ़ नदी – इसके तहत सरकार को भी आगे आना होगा और नए कार्यक्रम चलाने होंगे, ताकि नदियों को साफ रखा जा सके और उसमें कूड़े का एक भी अंश ना दिखाई दे।