दोस्तों की दोस्ती – दोस्त, जो कभी आपको मुसीबत से निकालने के लिए जी जान एक कर दें तो कभी खुद ही आपकी किसी सिचुएशन में फंसा कर आपकी टांग खीचें, जिसके साथ आप अपनी सारी परेशानियां भुलाकर हंस सकें और कभी जिसके कंधे पर सर रख कर रो सकें, जिसके आगे आप सारी झिझक छोड़कर एक खुली किताब की तरह खुद से जुड़ी सारी बातें रख दें, यूं तो सच्चे दोस्त मिलना बहुत मुश्किल होता है लेकिन जब ये दोस्त मिल जाते हैं तो आपको ज़िदंगी काफी आसान लगने लगती हैं।
आपकी भी ज़िदंगी में कईं दोस्त ऐसे होंगे, जिनके साथ कभी आपने मस्ती-मज़ाक के रिकॉर्ड तोड़े होंगे तो कभी हंसने-मुस्कुराने के नए आयाम गढ़े होंगे, दोस्तों की दोस्ती देखि होगी।
दोस्तों की दोस्ती –
वैसे दोस्तों के साथ बिताया गया हर पल यादगार होता हैं लेकिन फ्रेंड्स के साथ नाइट लाइफ का मज़ा ही कुछ और होता है, आज हम भी आपको दोस्तों के साथ रात में बिताए गए कुछ ऐसे ही लम्हों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो अगर आपने अपने दोस्त के साथ नहीं जिए तो क्या दोस्ती की !
आइए जानते हैं
रात के 3 बजे वाली मैगी- अगर आपका कोई सबसे सच्चा और अच्छा वाला दोस्त है ना तो कभी तो आपने रात में अचानक उठकर उसके साथ सबसे छिप-छिपाकर मैगी तो ज़रूर बनाई होगी। ये लेट नाइट वाली भूख और उस भूख में आपका पार्टनर, आपका दोस्त याद तो होगा आपको !
वो नाइट वाली ग्रुप स्टडीज़- एग्जाम से एक रात पहले किसी एक दोस्त के घर पर जब बाकी सारे दोस्त ग्रुप स्टडीज करने के लिए मिलते हैं, तो इस फ्रेंड्स ग्रुप में स्टडीज़ कितनी बचती है, ये ज़रा सोचने वाली बात है।
लेट नाइट गॉसिप ऑन कॉल- रात के तीन बजे भी अगर गॉसिप करने का मन हो तो आप अपने उस दोस्त को कॉल मिला सकते हैं, जी हां हम आपके उसी दोस्त की बात कर रहे हैं जो आपका क्राइम पार्टनर है। ऐसे कुछ दोस्त हर किसी की लाइफ में होते हैं, जिनसे कुछ भी कहने के लिए ना घड़ी की तरफ देखना पड़ता है और ना ही कुछ सोचना पड़ता है।
नाइटआउट के लिए दोस्त की फैमिली से परमिशन- हर ग्रुप में एक ऐसा दोस्त ज़रूर होता है जिसकी फैमिली से उसे रात को बाहर ले जाने के लिए परमिशन लेना यानी की एक बहुत बड़े काम को अंजाम देना, आपके भी अपने किसी दोस्त के लिए ऐसा ज़रूर किया होगा।
पायजामा पार्टी की या नहीं- दोस्तों का एक छोटा या बड़ा ग्रुप, और रात में की गई पायजामा पार्टी, सच में इसकी बात ही कुछ अलग है। लाख परेशानियों के बीच भी दिल ऐसे दोस्तों के साथ मुस्कुराने-गुनगुनाने पर मजबूर हो जाता है।
ये थी दोस्तों की दोस्ती – अगर आपने भी अपने दोस्तों के साथ रात में ये पल जिएं हैं तो आपने सही मायनों में दोस्ती की हैं, नहीं हम ऐसा बिल्कुल नहीं कह रहे कि अगर ऐसा नहीं है तो आप दोस्ती के मायने नहीं जानते या फिर तो आपकी दोस्ती सच्ची नहीं है, पर हां, ये ज़रूर है ये खास पल दोस्ती को और खास बनाते हैं।