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इस जगह होते हैं शिक्षा की देवी मां सरस्‍वती के साक्षात दर्शन

मां सरस्‍वती

मां सरस्‍वती – हिंदू धर्म में अनेक मान्‍यताएं हैं जिनके ऊपर विश्‍वास करना तो मुश्किल है किंतु इनके सत्‍य होने के कई प्रमाण मिलते हैं।

जी हां, प्राचीन समय से ही धरती पर दैवीय शक्‍तियों के प्रमाण मिलते आए हैं और इसी से यह साबित होता है कि धरती पर ईश्‍वर मौजूद हैं और उन्‍हीं के हाथ में हमारी जीवन लीला है।

शायद इसीलिए आज भी हम अपने कष्‍टों के निवारण के लिए भगवान से प्रार्थना करते हैं। भक्‍तों की मनोकामना को पूर्ण करने और उन्‍हें कष्‍टों को दूर करने के लिए स्‍वयं ईश्‍वर ने कई बार चमत्‍कारिक लीला दिखाई है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण है माणा गांव में स्थित मां सरस्‍वती का मंदिर।

माणा में स्थित मंदिर

आपको बता दें भारत में स्थित माणा गांव, भारत और चीन की सीमा पर बसा आखिरी गांव है और इसे भारत के आखिरी गांव के नाम से भी जाना जाता है। उत्तराखंड में बद्रीनाथ धाम से तकरीबन 3 किमी दूर माणा गांव स्थित है। मान्‍यता है कि इसी स्‍थान पर सरस्‍वती नदी का उद्गम हुआ था। इस जगह देवी सरस्‍वती का मंदिर भी स्‍थापित है।

कहा जाता है कि संसार के आरंभ में देवी सरस्‍वती यहीं प्रकट हुई थीं। यहां सरस्‍वती नदी की धारा पर जब सूर्य की रोशनी पड़ती है तो इंद्रधनुष के सातों रंग दिखने लगते हैं। कहते हैं कि ये देवी सरस्‍वती की वीणा के तार और सातों सुर हैं।

व्‍यास गुफा

मंदिर के पास ही व्‍यास गुफा भी स्थित है। इस गुफा के बारे में कहा जाता है कि व्‍यास मुनि ने महाभारत महाकाव्‍य की रचना की थी। इस वीणा वादिनी मां सरस्‍वती की प्रतिमा के दर्शन से साक्षात् सरस्‍वती के दर्शनों का लाभ मिलता है। मां सरस्‍वती के हाथ में जो वीणा है उसके सात सुरों से ही संसार में संगीत आया है और जीव जंतुओं को वाणी मिली है।

वसंती पंचमी का दिन

हिंदू शास्‍त्र में वसंत पंचमी का दिन मां सरस्‍वती को समर्पित है। माघ महीने की शुक्‍ल पक्ष की पंचमी को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन माणा गांव के सरस्‍वती मंदिर में स्थित देवी मां का स्‍वरूप अद्भुत होता है। किवंदती है कि वसंत पंचमी के शुभ दिन पर ही शिक्षा, ज्ञान एवं वाणी की देवी सरस्‍वती धरती पर प्रकट हुईं थीं। इस तिथि को इसलिए मां सरस्‍वती के जन्‍मोत्‍सव के रूप में मनाया जाता है।

जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि भारत और चीन की सीमा पर लगता माणा गांव हमारे देश का आखिरी गांव कहलाता है। इसे देखने के लिए दूर-दूरे से पर्यटक आते हैं। अगर आप भी कभी माणा गांव आएं तो मां सरस्‍वती के इस अद्भुत मंदिर के दर्शन जरूर करें। आखिर आपको भी तो पता होना चाहिए कि धरती पर मां सरस्‍वती का उद्गम कहां हुआ था।

मां सरस्‍वती शिक्षा और ज्ञान की देवी हैं और उनकी कृपा से भक्‍तों को कला, संगीत, शिक्षा और ज्ञान पाने में सहायता मिलती है। अगर कोई छात्र पढाई में कमजोर है तो उसे मां सरस्‍वती की पूजा करनी चाहिए। मां सरस्‍वती की कृपा से उसकी बुद्धि और एकाग्रता में वृद्धि होगी और परीक्षा में अच्‍छा परिणाम भी मिल सकेगा।