हिन्दुस्तानियों और पाकिस्तानियों को आमने सामने ले आओ और फिर देखो क्या ड्रामा करते हैं हम लोग!
लड़ने-भिड़ने में तो एक नंबर हैं हम, सोते हुए भी बुला लोगे तो दो चार हाथ तो जड़ ही देंगे अपने दुश्मन पर, है ना?
पर एक जगह ऐसी भी है जहाँ झगड़ ही नहीं पाते! देशभक्ति तो पूरी होती है पर लड़ाई की जगह नज़र आती है नौटंकी और वो भी पूरे देशभक्ति-स्टाइल में!
पंजाब का वाघा बॉर्डर के बारे में तो आप सब जानते ही होंगे| ये वही जगह है जहाँ रोज़ शाम को हज़ारों लोग इकट्ठे होकर दोनों देशों के बॉर्डर के गेट बंद होने का नज़ारा देखने आते हैं| सरकार को भी पता है कि इसकी एहमियत क्या है तभी वहाँ खेल के स्टेडियम जैसा माहौल बना के रखा है|
तो जी आपको नज़र आएंगे हज़ारों लोग, रंग-बिरंगे कपड़े पहने सैर-सपाटे पर निकले हुए! हिन्द-पाक लड़ाई भूल जाइए, बस चुस्की चूसते और खाते-पीते “जय हिन्द” का नारा लगाते हुए हज़ारों अंकल-आँटियाँ, छोटे-छोटे टीटू-पम्मी वगेरह-वगेरह नज़र आते हैं|
मज़ा तो तब आता है जब दोनों देशों के सिक्योरिटी गार्ड, वह लम्बे-चौड़े हट्टे-कट्टे जांबाज़, गेट बंद करते हुए सलामी देते हैं| ऐसा लगता है हम अपने कैमरों से ही सारी लड़ाई लड़ के जीत भी लेंगे! उन गार्ड्स का चिल्ला-चिल्ला के मनोबल बढ़ाते हैं और झट से दो-तीन हज़ार सेल्फ़ी खींच के फेसबुक पर पोस्ट कर देते हैं! बस जी, हो गयी देश सेवा, कर दिया हमने अपने सैनिकों का सम्मान और बन गए आदर्श नागरिक!
और कुछ नहीं तो हाथ हिला-हिला के बॉर्डर की दूसरी तरफ के पाकिस्तानियों को इशारा करते हैं कि भाई चिंता मत करो, तुम्हारा बेड़ा गर्क तुम्हारी सरकार ही कर रही है, उस में हमारा कोई हाथ नहीं है! और वो बेचारे हाथ हिला-हिला कर हमें बता रहे होते हैं कि भाई तुम्हारे देश में हमने पंगा नहीं लिया, वो तो नेताओं के लफ़ड़े हैं, हमें माफ़ कर दो यार!
कुछ भी कहो, वागह बॉर्डर पर इस रंग-बिरंगे कार्यक्रम को देखकर मन ख़ुश हो जाता है| अगर सिर्फ बॉर्डर के गेट बंद करने भर से ऐसी शान्ति मिलती है तो यार सारे बॉर्डर पर ऐसे हज़ारों गेट बनवा दो! लोग देखने जाएँगे, देशभक्ति के गीत गाकर और नारे लगाकर मन की भड़ास निकाल लेंगे और फिर शान्ति से अपने-अपने कामों में लग जाएँगे!
किसके पास वक़्त है यार बेकार की लड़ाई का? ना हमारे पास, ना उनके पास!