इस सप्ताह मंगलवार को भय्यूजी महाराज का देहांत हो गया और तभी से लेकर उनकी मौत सुर्खियों में बनी हुई है। खबरों की मानें तो उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की थी। आपको बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का अनशन तुड़वाने में भय्यूजी ने अहम भूमिका निभाई थी और वो तभी से चर्चा में आ गए थे।
उनका असली नाम उदय सिंह शेखावत है लेकिन एमपी और महाराष्ट्र में उन्हें लोग भय्यूजी महाराज के नाम से जानते थे।
तो चलिए जानते हैं कि भय्यूजी महाराज के जीवन में ऐसा क्या खास जो देश की जनता को उनकी मृत्यु का इतना दुख है।
- मध्य प्रदेश सरकार ने भय्यूजी महाराज को राज्यमंत्री बनाया था।
- आपको शायद पता नहीं होगा लेकिन भय्यूजी मॉडलिंग भी कर चुके हैं। जी हां, एक समय पर वो मॉडल थे। मॉडलिंग छोड़कर उन्होंने अध्यात्म का रास्ता चुना और फिर राजनीति में आ गए। वो सियाराम के लिए मॉडलिंग कर चुके हैं।
- भय्यूजी आध्यात्मिक गुरु भी थे जो गृहस्थ जीवन जीते थे और उनकी एक बेटी कुहू भी है।
- भय्यूजी देश के दूसरे आध्यात्मिक गुरुओं से बिलकुल अलग थे और वो कभी खेतों की जुताई करते देखे जाते थे तो कभी क्रिकेट खेलते हुए मैदान में नज़र आते थे। उन्हें घुडसवारी और तलवारबाजी का भी बहुत शौक था.
- मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में 29 अप्रैल 1968 को जन्मे भय्यूजी के चहेतों के बीच धारणा है कि उन्हें भगवान दत्तात्रेय का आशीर्वाद हासिल था। महाराष्ट्र में उन्हें राष्ट्र संत का दर्जा दिया गया था। वे सूर्य की पूजा करते थे और घंटो जल समाधि करने का उनका अनुभव था।
- भय्यूजी महाराज के ससुर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं और केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख से उनके करीबी संबंध थे। बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी से लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत भी उनके भक्तों की सूची में थे। महाराष्ट्र की राजनीति में उन्हें संकटमोचक के तौर पर देखा जाता था।
- साल 2016 में पुणे से लौटते समय राष्ट्रीय संत भय्यूजी महाराज पर जानलेवा हमला हुआ था और इस हमले में उनका कार का एक्सीडेंट भी हो गया था।
भय्यूजी महाराज के बारे में ये सब बातें जानने के बाद तो आप समझ ही गए होंगें कि उनके जाने का जनता और उनके करीबियों को कितना दुख है।
खबरों की मानें तो भय्यूजी महाराज ने पारिवारिक कलह के कारण आत्महत्या की है। कुछ महीनो पहले ही उन्होंने दूसरी शादी की थी जिस वजह से उनके घर में पारिवारिक कलह चल रही थी। उनकी मौत पर उनकी दूसरी पत्नी तक दिखाई नहीं दी, शायद वो भी भय्यूजी महाराज के परिवार की वजह से सबके सामने आने से डर रही हैं।
भय्यूजी महाराज की बेटी कुहू ने उन्हें मुखाग्नि दी और एक युग पुरुष दुनिया से अलविदा कह कर पंचतत्व में विलीन हो गया।
देखा जाए तो भय्यूजी महाराज का जीवन किसी भी व्यक्ति के लिए प्रेरणा से कम नहीं था लेकिन एक युग पुरुष होने के बाद भी उन्होंने अपनी पत्नी की मर्जी के बिना दूसरा विवाह रचाया और यही उनकी मृत्यु का कारण भी बना।