कैलाश मानसरोवर – कैलाश पर्वत और मानसरोवर को धरती का केंद्र माना जाता है।
ये वो पवित्र जगह है जिसे भगवान शिव का धाम मानकर पूजा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि मानसरोवर में भगवान शिव साक्षात विराजामन रहते हैं। मानसरोवर एक संस्कृत शब्द है, जो मानस तथा सरोवर को मिल कर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- मन का सरोवर।
हर साल कैलाश मानसरोवर की यात्रा के दौरान लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस साल 12 जून से ये यात्रा शुरू हो चुकी है। कैलाश मानसरोवर में भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुँचने के लिए दो रास्ते हैं। पहला उत्तराखंड से और दूसरा चीन से होकर जाता है।
आइए आपको बताते हैं कैलाश मानसरोवर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
1- जानिए कितनी है इसकी ऊंचाई- कैलाश पर्वत समुद्र सतह से 22068 फुट ऊंचाई पर स्थित है। तथा हिमालय से उत्तरी क्षेत्र में तिब्बत में है और इसलिए कैलाश चीन के अन्तर्गत आता है।
2- कईं धर्मों में है प्रसिध्द – कैलाश पर्वत तिब्बती बौद्ध, सभी देश के बौद्ध धर्म, जैन धर्म और हिन्दू धर्म में अलग-अलग मान्यताएं रखता है।
3- सिख धर्म में है ये मान्यता- सिख धर्म में ऐसा माना जाता है कि गुरु नानक ने भी यहां कुछ दिन रुककर ध्यान किया था। इसलिए ये सिख धर्म का भी पवित्र स्थल है।
4- स्वयंभू माना जाता है- कैलाश पर्वत को स्वयंभू माना जाता है। साइंटिस्ट का कहना है कि भारतीय उपमहाद्वीप के चारों और पहले समुद्र था। इसके रशिया से टकराने से हिमालय का निर्माण हुआ। ये घटना कईं करोड़ साल पहले घटी थी।
5- कल्पवृक्ष यही है स्थित- ऐसा माना जाता है कि कैलाश मानसरोवर के बीच में चमत्कारी कल्पवृक्ष है, जिसके फलों से सभी प्रकार के शारीरिक व मानसिक रोगों का इलाज संभव है।
6- माना जाता है कुबेर की नगरी- कैलाश मानसरोवर को कुबेर की नगरी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहीं से महाविष्णु के करकमलों से निकलकर गंगा कैलाश पर्वत की चोटी पर गिरती है।
7- मोक्ष की होती है प्राप्ति- ऐसा माना जाता है कि कैलाश के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
8- चारों दिशाओं में हैं जानवरों के मुख- कैलाश के चारों दिशाओं में अलग-अलग जानवरों के मुख है जिसमें से नदिया निकलती हैं। पूर्व में अश्वमुख, पश्चिम में गजमुख, उत्तर में सिंहमुख है, और दक्षिण में मोर का मुख है।
9- स्वर्ग और मृत्यु लोक दोनों हैं यहां- ऐसा कहा जाता है कि कैलाश से ऊपर स्वर्ग लोग और नीचे की ओर मृत्यु लोक है।
10- ऊं की ध्वनि देती है सुनाई- कैलाश मानसरोवर में आने वाले दर्शनार्थियों को ‘ऊं’ की प्रतिध्वनि भी सुनाई देती है। ये यूं ही नहीं है दरअसल ऐसा प्रकाश तरंगों और ध्वनि तरंगों के अद्भुत समागम की वजह से होता है।
उम्मीद है कि कैलाश मानसरोवर से जुड़ी ये जानकारियां आपको ज़रूर पसंद आईं होंगी। सभी को अपने जीवनकाल में एक बार कैलाश की यात्रा ज़रूर करनी चाहिए।