ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात
अघोरत्व!
भारतीय संस्कृति का वह हिस्सा जो ‘शाम’ की तरह है! ना ‘दिन के उजाले’ में और ना ही ‘रात के अँधेरे में’.
जो लोग इसे नहीं समझते वे इसकी निंदा करते हैं और जो समझते हैं वे इसके बारे में अच्छी बातें करना नहीं चाहता और अघोरियों के बारे में ऐसी कई चीज़ें हैं जिन्हें सामाजिक तौर पर निषेध माना जाता है.
हम आपके सामने लाए हैं अघोरियों का बारे में 5 ऐसी सच्चाइयां जिन्हें आप शायद नहीं जानते.
1) मृत शरीरों के साथ यौन क्रियाएं
अघोरियों का मानना है कि देवी काली को संतुष्ट करने के लिए वे मृत शरीरों को खाते हैं और मृत शरीरों के साथ यौन क्रियाएं करते हैं. जब काली को संतुष्टि चाहिए होती है तो वे एक ऐसे मृत शरीर को खोज निकालते हैं जिसके साथ यौन सम्बन्ध बनाया जा सके और फिर उसके बाद उन काम्क्रोधी क्रियाओं में लीन हो जाते हैं. इसका उद्देश्य बेहद सरल है, अघोरियों का मानना है कि वे सबसे मलीन चीज़ों में भी शुद्धता ढूंढते हैं और अगर यह करते हुए भी उनका ध्यान शिव यानी परमपूज्य पर रहा तो इसका मतलब वे सही राह पर चल रहे हैं.