लिव इन रिलेशनशिप में – आज भारत के युवाओं की सोच में पश्चिमीकरण ज्यादा और भारतीय सभ्यता का प्रभाव कम होता जा रहा है।
पहले के ज़माने में घर-परिवार के लोग मिलकर शादी का फैसला लिया करते थे और दूल्हा-दुल्हन को शादी की पहली रात ही अपने जीवनसाथी का चेहरा देखने को मिलता था।
विवाह को लेकर तक जो वर्जनाएं थीं आज वो स्वतंत्रता बन चुकी है। अब युवाओं को लगता है कि शादी उनका निजी फैसला होना चाहिए। छोटे-बड़े शहरों में अब लोग लिव इन रिलेशनशिप में रहने को तवज्जो देने लगे हैं। हालांकि समाज में अभी तक इसे स्वीकृति नहीं मिल पाई है लेकिन फिर भी युवाओं को इससे कोई दिक्कत नहीं है।
आप भी सोचते होंगें कि लिव इन में रहकर एक-दूसरे को जानने के बाद शादी का फैसला करना बेहतर होता है या फिर शादी के बाद एक-दूसरे के करीब आना।
आज हम इसी विषय पर चर्चा करने वाले हैं कि युवाओं की रूचि लिव इन रिलेशनशिप में ज्यादा क्यों बढ़ रही है।
आजाद पसंद ख्याल
इस बात में कोई शक नहीं है कि युवा आजाद पसंद ख्यालों वाले होते हैं। इसका मतलब है कि उन्हें स्वतंत्रता की चाहत होती है। लड़का हो या लड़की, दोनों को ही आजादी चाहिए होती है और वो शादी करके एक-दूसरे के साथ रिश्ते में फंसना नहीं चाहते हैं।
जिम्मेदारियों से बचना
आप चाहे मानें या ना मानें लेकिन आज की पीढ़ी अपनी जिम्मेदारियों से जी चुराती है। शादी के रिश्ते में पति-पत्नी एक-दूसरे की जिम्मेदारी होते हैं लेकिन लिव इन में ऐसा कुछ नहीं होता है। लिव इन रिश्ते में सब कुछ ठीक रहा तो बढिया वरना दोनों के रास्ते आसानी से अलग हो जाते हैं।
तलाक का झंझट नहीं
अगर दोनों पार्टनर्स में से कोई एक तलाक लेना चाहे तो उसके लिए मुश्किल हो जाती है। जब तक कि उसका दूसरा पार्टनर उसे तलाक देने के लिए राजी ना हो जाए वो उस रिश्ते से नहीं निकल सकता है। इस वजह से भी अब लोग लिव इन को ज्यादा महत्व देने लगे हैं। लिव इन में रहने पर तलाक लेने के लिए कोर्ट-कचहरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं और आप दोनों आपसी सहमति से एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं।
फैमिली का झंझट
अमूमन देखा गया है कि शादी के बाद लड़कियों को अपने पार्टनर की फैमिली के साथ एडजस्ट होने में दिक्कत होती है और ऐसे में कई बार शादी के शुरुआती साल उथल-पुथल में गुज़र जाते हैं जबकि लिव इन में ऐसा कोई सीन नहीं है। लिव इन में आपकी फैमिली इनवॉल्व नहीं होती है और जब परिवार ही नहीं होगा तो फिर दो लोगों के बीच उन्हें लेकर झगड़ा ही नहीं होगा।
कुछ लोग आर्थिक सुरक्षा के लिए लिव इन रिलेशनशिप में रहते हैं। जो लोग शादी पर भरोसा नहीं करते हैं वो लिव इन रिलेशनशिप में रहना पसंद करते हैं। इसके अलावा जिनके मां-बाप की शादी तनावपूर्ण रही हो वो लोग भी शादी को ज्यादा वरीयता नहीं देते हैं। उन्हें शादी एक बोझ लगने लगती है और उनकी जिंदगी में शादी के कोई मायने नहीं रह जाते हैं। इस वजह से भी लोग लिव इन में रहना पसंद करते हैं।