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इज़राइल की लड़ाकू मर्दानियों को पूरी दुनिया कर रही है सलाम आखिर क्यों ?

लड़ाकू मर्दानी

लड़ाकू मर्दानी – किसी भी देश की मजबूती उसके सैनिकों से होती है.

यहाँ सैनिक का मतलब सिर्फ पुरुष सैनिकों से नहीं है. जिस देश की सुरक्षा का भार उसके पुरुष और महिला दोनों सैनिकों के कंधे पर होती है उस देश का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता. इस दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं जिनकी हमेशा चर्चा होती रहती है. उसमें से एक है इजराइल. जी हाँ, इसका नाम आपने कई बार सुना होगा.

ये एक ऐसा देश है जो अपने चारों तरफ से दुश्मनों से घिरा है.

लड़ाकू मर्दानी –

इस देश के अंदर भी इसके दुश्मन हैं. पहले का किया कुछ काम आज भी इस देश के सामने मुश्किल बनकर खड़ा है. इजराइल की गिनती शक्तिशाली देशों में होती है. इसका कारण है कि यहाँ पर पुरुषों की ही तरह महिला लड़ाकू मर्दानी भी देश की सुरक्षा करती हैं.

इजराइल की इन लड़ाकू मर्दानी को देखकर बड़े बड़े योद्धा भी हार मान लेते हैं. इजरायल में साल 2000 में कानून बनाया गया कि महिलाओं को पुरुषों की तरह किसी भी पद पर काम करने का समान अधिकार है. तब से लेकर आज तक महिलाएं देश की सुरक्षा में अपना योगदान दे रही हैं.

यहाँ पर पुरुष सैनिकों की ही तरह महिलाओं को भी सुविधाएं प्राप्त हैं.

इजरायली सेना में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के पीछे दो प्रमुख कारण हैं. एक तो समाज की सोच में बदलाव करना, वहीं दूसरा यह कि सेना में पुरुषों की सर्विस का कम होता समय. इसका फायदा महिलाओं को मिलता है.

असल में इजराइल में ऐसा कानून है जिसके चलते अब महिलाएं इसमें भारी संख्या में काम कर रही हैं.

यहाँ पर सेना में एक पुरुष सैनिक को 18 साल होने पर 2 साल 8 महीने सेना में काम करना अनिवार्य माना जाता है, वहीं महिलाओं को सिर्फ 2 साल ही काम करना होता है. फायदा मिलने के कारण ही यहाँ की लड़ाकू मर्दानी सेन आमीन भारती होकर देश की सुरक्षा का वीणा उठाती हैं.

इजराइल की इन लड़ाकू मर्दानी की ही तरह दुनिया के हर देश की लड़की को अपने देश के लिए लड़का चाहिए, लेकिन ऐसा हो नहीं पाता क्योंकि बहुत से देशों में लड़कियां अपनी ही समस्या से परेशान रहती हैं.