यौन उत्पीड़न – लड़कियों की लाइफ बहुत टफ होती है और इस बात का अंदाज़ा आप इसी चीज़ से लगा सकते हैं कि उन्हें हर कदम पर ना जाने कितनी गंदी नज़रों का सामना करना पड़ता है। हर कदम पर उन्हें खुद को सुरक्षित रखने की चिंता लगी रहती है।
ऑफिस या कॉलेज तो छोडिए अब तो लड़कियां घर तक पर सेफ नहीं हैं। आए दिन पिता या भाई द्वारा रेप की खबरों से सोशल मीडिया भरा रहता है।
ऐसे माहौल में आप भी समझ सकते हैं कि यौन उत्पीड़न की वजह से लड़कियों के लिए जीना कितना मुश्किल हो गया है। कॉलेज की बात करें तो वहां पर भी लड़कियों को यौन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है।
ब्रिटेन स्थित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का नाम पूरी दुनिया में सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में आता है लेकिन पिछले साल एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि यहां पर छात्राओं का यौन उत्पीड़न सबसे ज्यादा होता है।
वाकई में इस रिपोर्ट द्वारा किया गया खुलासा बहुत चौंकाने वाला है।
समाचार पत्र ‘द गार्जियन’ ने ऑक्सफोर्ड के साथ-साथ ब्रिअेन के 120 विश्वविद्यालयों से सूचना की स्वतंत्रता के तहत जानकारी मांगी थी।
इसके जवाब में पाया गया कि स्टूडेंट्स ने शैक्षणिक सत्र 2011-2012 से लेकर 2016-17 तक कर्मचारियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न, लैंगिक आधार पर अभद्रता और हिंसा के तकरीबन 169 मामले दर्ज करवाए हैं। इसी तरह के 127 आरोप साथी कर्मचारियों पर भी लगाए गए हैं।
कर्मचारियों द्वारा विद्यार्थियों का यौन उत्पीड़न किया जाना ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में महामारी के स्तर तक पहुंच चुका है। कई यूनिवर्सिटियों में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे कर्मचारियों को विद्यार्थियों पर यौन संबंध के लिए दबाव बनान से रोका जा सके। इतना ही नहीं ऐसा होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी पर्याप्त नियम नहीं हैं।
शिकायत करने से रोका
कथित तौर पर कई स्टूडेंट्स ये बात कही कि रोजा़ना उन्हें आधिकारिक तौर पर शिकायत ना करने के लिए रोका जा रहा है। उन्हें अपनी शिकायत वापिस लेने या मामले को अनौपचाहरक रूप से रफा-दफा करने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है। कई स्टूडेंट्स ने बताया कि शिक्षा या करियर पर पड़ने वाले असर के डर से भी वो शिकायत नहीं कर पाते हैं। इससे पता चलता है कि असली में विश्वविद्यालयों में स्टूडेंट्स का हाल बहुत खराब है।
इस मामले में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी सबसे आगे है। रिपोर्ट की मानें तो इस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई तो टॉप की होती ही है लेकिन ये यौन उत्पीड़न करने में भी टॉप पर है।
ये रिपोर्ट पिछले साल सामने आई थी लेकिन अब तक इसको लेकर यूनिवर्सिटी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है और स्टूडेंट्स की मानें तो शिकायत ना करने के लिए उन पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है।
बस इसी बात से आप जान सकते हैं कि जब दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी में लड़कियों और स्टूडेंट्स का ये हाल है तो फिर बाकी कॉलेजों में स्टूडेंट्स के साथ क्या हो रहा होगा।
एक ज़माने में विश्वविद्यालय को विद्या का मंदिर समझा जाता है और आज इसकी छवि इतनी ज्यादा धूमिल हो गई है कि अब इसे विद्या का मंदिर नहीं कहा जा सकता है। इसकी छवि खराब हो चुकी है।