स्कूल लाइफ – “वो बचपन में जब नींद में बिस्तर से गिर जाया करते थे, अब वो सुकून वाली नींद कहां आती है”
बचपन यानी की ज़िदंगी का सबसे खूबसूरत पड़ाव, जिसकी यादें हर कोई अपने दिल में संजोकर रखना चाहता है।
यूं तो बचपन में हम सभी चाहते हैं कि हम जल्दी से बड़े हो जाएं लेकिन बड़ होकर ये एहसास ज़रूर होता है कि बचपन से खूबसूरत और कुछ नहीं हो सकता।
वो बचपन जब सुकून और हंसी हमारे सबसे पक्के दोस्त होते हैं। जब हम बिना बात खिलखिलाकर हंस भी लेते हैं और छोटी सी बात पर सबसे आगे आंसू भी बहा लेते हैं। बचपन में ख्वाहिशे, फरमाइशे, ज़िद सब अपनी होती हैं। यूं तो बचपन से जुड़ी हर याद ही खास होती है लेकिन इसमे सबसे खास होती है स्कूल लाइफ से जुड़ी यादें, जो आज भी हम सभी के दिल के किसी ना किसी कोने में ताज़ा हैं।
आज हम आपको ऐसी ही स्कूल लाइफ से जुडी कुछ बातों, ऐसी ही कुछ यादों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे पढ़कर आपको अपने बचपन की याद आ जाएगी।
1- हिस्ट्री की कॉपी में सिविक्स-
हिस्ट्री की कॉपी में एंड में कुछ पन्नों के बीच में एक पेज मोड़कर सिविक्स के लिए कॉपी बनाना आपको याद ही होगा।
2- जब टीचर ब्लैक बोर्ड साफ करने के लिए कहें- अगर क्लास में टीचर आकर आपसे ब्लैकबोर्ड साफ करने के लिए कह दे तो ऐसा महसूस होता था जैसा कोई ऑनर मिल गया हो और फिर पूरे एक्साइटमेंट के साथ हम ये काम किए करते थे।
3- दोस्त के मांगने पर अपनी कॉपी में से पेज देना-
ये याद भी आपको ज़रूर याद ही होगी, जब दोस्त के मांगने पर कॉपी में से उसे एक की जगह दो पन्ने फाड़ कर दे देते थे और आपको ऐसा महसूस होता था कि बहुत बड़ा काम किया हो।
4- टीचर सा सामान पकड़कर उनके साथ क्लास से बाहर जाना-
स्कूल के दिनों में टीचर का सामान पकड़कर उनके साथ क्लास से बाहर जाने की खुशी भी अलग ही हुआ करती थी, सच में इनका मोल तो अभी तक समझ नहीं आया है।
5-पूरे क्लास की आंसर शीट कलैक्ट करना-
जब टेस्ट खत्म होने के बाद टीचर आपको पूरे क्लास की आंसर शीट इकट्ठा करने के लिए कहती थी तो ये भी बड़ी ही शान की बात लगती थी।
6- ब्रेक से पहले टिफिन खाना-
क्लास में ब्रेक से पहले टिफिन खाने की फीलिंग भी अपने आप में स्पेशल थी। लगभग सभी ने अपनी स्कूल लाइफ में कभी ना कभी ऐसा ज़रूर किया होगा।
7- टीचर जब पैरेंट्स को बुलाने को कहे-
स्कूल के दिनों में जब क्लास टीचर पैरेंट्स को बुलाने के लिए कहती थी तो मानो डर के मारे कुछ समझ ही नहीं आता था।
8- फ्री पीरियड से बढ़कर कुछ नहीं-
स्कूल के दिनों में फ्री पीरियड से बड़ी गुड न्यूज तो कुछ होती ही नहीं थी, फ्री पीरियड मिल गया तो ऐसा लगता था मानो सब कुछ मिल गया।
स्कूल लाइफ – स्कूल दिनों की इन यादों को याद कर आप के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गई होगी, ऐसा मुझे पूरा यकीन है तो अब इस मुस्कुराहट को अपने दोस्तों के साथ भी बांटिए और खिलखिलाकर हंसिए।