अकसर पुरुष खुद को ज्यादा स्मार्ट समझते हैं जबकि महिलाएं खुद को कम आंकती हैं।
आपने भी खुद में या अपने आसपास के लोगों में ये बात नोटिस जरूर की होगी लेकिन अब इस बात पर हाल ही में हुई एक स्टडी ने भी मुहर लगा दी है।
अकैडमिक ग्रेड्स होने के बावजूद महिलाएं खुद को वास्तविकता से कम आंकती हैं जबकि पुरुष खुद को स्मार्ट समझते हैं। इस स्टडी में खुलासा हुआ है कि अपनी खुद की इंटेलिजेंस को लेकर स्टूडेंट्स की समझ पर उनके जेंडर का खासा असर पड़ता है खासतौर पर तब जब वे दूसरों से खुद की तुलना करते हैं।
अमेरिका के ऐरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी की डॉक्ट्रल स्टूडेंट कैटलिन ने अकैडमिक एडवाइज़र के तौर पर 100 से ज्यादा छात्रों से बात की और इस दौरान ही उन्हें ये स्टडी करने का आइडिया आया। कैटलिन का कहना है कि उन्होंने स्टूडेंट्स से पूछा था कि उनकी क्लासेज़ कैसी रही और इस दौरान उन्होंने एक ट्रेंड भी नोटिस किया। इस रिसर्च के लीड ऑथर कैटलिन ही हैं और इस रिसर्च के परिणाम रिसर्च जर्नल एडवांसेज इन फिजिओलाजी एजुकेशन में प्रकाशित किए जा चुके हैं।
खुद को कम आंकती हैं महिलाएं
इस स्टडी में यह बात सामने आई है कि महिलाएं खुद को कम आंकती हैं।
कैटलिन को महिलाओं ने बताया कि उन्हें अकसर इस बात का डर लगा रहता है कि दूसरे स्टूडेंटस उनके बारे में सोचते हैं कि वा कितनी मूर्ख हैं जबकि पुरुषों ने कभी ऐसी बात नहीं कही। कैटलिन कहती हैं कि वो इस पर और ज्यादा स्टडी करना चाहती थी। अनुसंधाकन कर्ताओं ने बायोलॉजी कोर्स में भर्ती लेने वाले 250 स्टूडेंट्स से उनकी बुद्धिमत्ता के बारे में बात की।
खासतौर पर स्टूडेंट्स से कहा गया था कि वे अपनी बुद्धिमत्ता की क्लास में मौजूद दूसरे छात्रों के साथ अपनी तुलना करें।
खुद को ज्यादा स्मार्ट समझते हैं पुरुष
इस स्टडी में पाया गया कि ज्यादातर महिलाएं खुद को पुरुषों की बुद्धिमत्ता की तुलना में खुद को कम आंकती हैं। जब 3.3 जीपीए वाली फीमेल और मेल स्टूडेंट्स की तुलना की गई तो मेल स्टूडेंट ने खुद को अपनी क्लास के 66 प्रतिशत छात्रों से ज्यादा स्मार्ट बताया। वहीं फीमेल स्टूडेंट का कहना था कि वे अपनी क्लास के 54 प्रतिशत छात्रों से बेहतर हैं।
इससे पहले हुई एक रिसर्च में ये बात भी सामने आ चुकी है कोर्स मटीरियल के मामले में पुरुष, महिलाओं से ज्यादा स्मार्ट होते हैं।
आपने भी अपने आसपास ये बात महसूस की होगी कि पुरुष हमेशा खुद को ज्यादा स्मार्ट समझते हैं और लंबी-लंबी फेंकते हैं। वो ऐसी बात तक कह जाते हैं जो करना तो दूर किसी के बस की बात तक नहीं होती है।
वहीं महिलाओं का स्वभाव इसके विपरीत होता है। वो कहने की बजाया करने में ज्यादा विश्वास करती हैं और उन्हें अपनी काबिलियत के मुकाबले खुद पर कम विश्वास होता है और इसी वजह से उन्हें लगता है कि वो दूसरों से कम हैं जबकि असल में ऐसा होता नहीं है। इससे पता चलता है कि महिलाओं और पुरुषों का स्वभाव कितना अलग और हट कर है।