ब्वॉयफ्रेंड से शादी – इस बात में कोई दो राय नहीं है कि अब लोग अरेंज मैरिज से ज्यादा अहमियत लव मैरिज को देते हैं और अब लड़कियां भी पहले से ज्यादा आत्मनिर्भर हो गईं हैं इसलिए वो अपना जीवनसाथी खुद चुनना चाहती हैं।
आपको भी मालूम ही होगा कि अब यंग जेनरेशन अरेंज मैरिज के कॉन्सेप्ट पर ज्यादा भरोसा नहीं करती है और उन्हें तो अपनी पसंद से ही शादी करनी है। माना कि लड़कियां आत्मनिर्भर हो गईं हैं और अपने पसंद के लड़के से शादी करना चाहती हें लेकिन फिर भी वो अपने ब्वॉयफ्रेंड से शादी करने में कतराती हैं।
जी हां, आपने भी खुद या अपनी किसी सहेली के मुंह से ये बात कहते हुए सुना ही होगा कि उन्हें अपने ब्वॉयफ्रेंड से शादी करने में डर या लग रहा है या फिर वो अपने ब्वॉयफ्रेंड से शादी नहीं करना चाहती हैं।
आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों लड़कियां अपने ब्वॉयफ्रेंड से शादी करने से क्यों कतराती हैं।
पैसों की दिक्कत
प्यार जब होता है इंसान सामने वाले की कोई भी कमी नहीं देख पाता है।
वो गरीब है या अमीर, दिल को ये सब बातें समझ नहीं आती हैं। लड़कियों के दिमाग की बात करें तो वो पहले तो प्यार कर लेती है लेकिन धीरे-धीरे उन्हें ये अहसास होने लगता है कि उन्होंने कई तरह के कॉम्प्रोमाइज़ करने पड़ गए हैं। इस चक्कर में वो अपने ब्वॉयफ्रेंड को छोड़ने की बातें सोचने लगती हैं।
माता-पिता का डर
जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया कि प्यार जब होता है तो इंसान किसी भी चीज़ को अहमियत नहीं देता है।
अगर आप किसी ऐसे लड़के से प्यार करती हैं जो आपके स्टेटस या कास्ट का ना हो तो मां बाप की पसंद और मर्जी की चिंता भी लड़कियों को सताने लगती है। उन्हें लगने लगता है कि उन्होंने प्यार करने में थोड़ी जल्दबाजी कर दी है, उनके पैरेंट्स उनके लिए इससे अच्छा लड़का ढूंढ कर लाते।
रिश्ते की जिम्मेदारी
अरेंज मैरिज में कोई बात हो जाए तो लड़कियां अपने मां-बाप को इसका जिम्मेदार बता सकती हैं और उनके पास वापिस भी आ सकती हैं लेकिन अगर लव मैरिज करें तो अपने रिश्ते को निभाने की सारी जिम्मेदारी उनके सिर पर आ जाती है। अब चाहे रिश्ता चले या ना चले वो इसके लिए किसी और को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकती हैं और वापिस अपने मां-बाप के घर आने में भी उन्हें दिक्कत होती है।
अगर आप किसी से प्यार करते हैं तो प्यार करने के बाद उनके स्टेटस और कास्ट के बारे में ना सोचें क्योंकि जब प्यार करते हुए नहीं सोचा तो फिर अब प्यार निभाने में कैसा सोचना।
हां लेकिन अपनी जिंदगी का इतना बड़ा फैसला लेने से पहले अपने मां-बाप की मर्जी लेना जरूरी होता है। लड़कियों के लिए ऐसा करना ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि उन्हें आगे चलकर अपने मां-बाप के संस्कार बढ़ाने हैं और अगर वो उनकी ही बात को नज़रअंदाज़ कर देंगी तो फिर कैसे संस्कार। शादी का फैसला बहुत सोच-समझकर लें, आपकी छोटी सी भूल भी जिंदगीभर भारी पड़ सकती है।