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1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप के बारे में हमेशा याद रहेंगीं ये 5 बातें

1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप

1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप – साल 1992 का क्रिकेट विश्व कप क्रिकेट के इतिहास में बहुत अहम साल माना जाता है.

इस साल हुए टूर्नामेंट को बेन्सन एंड हेजेस कप के नाम से भी जाना जाता है. यह साल ना केवल अपने अनोखे नाम के कारण इतिहास में अंकित हुआ है बल्कि इस साल क्रिकेट में कई सारे बदलाव होने के कारण इसे इतना महत्‍वपूर्ण माना गया है.

इसकी शुरुआत सन् 1992 में 22 फरवरी से हुई थी.

आज हम आपको इस विश्व कप में घटी कई रोमांचक घटनाओ के बारे में बताएंगे,

तो आइए जानते हैं 1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप के बारे में –

१ – कलरफुल जर्सी की शुरुआत

अभी तक क्रिकेट सिर्फ सफेद कपड़ों में ही खेला जा रहा था लेकिन साल 1992 के विश्व कप में पहली बार खिलाड़ियों को कलरफुल जर्सियों में देखा गया था. तब से वनडे और अब टी-20 में भी रंग-बिरंगी जर्सी का ट्रेंड जारी है. क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब नौ टीमें शामिल हुईं थीं और सभी की ड्रेस अलग रंगों की थी.

1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप

२ – नियमो में बदलाव

खेल को और भी ज्यादा रोमांचक व एंटरटेनिंग बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया गया. जिसके तहत 15 ओवरों की फील्ड पर रिस्ट्रिकशन लगाई गई. इसके हिसाब से केवल 2 फिल्डर ही चार मीटर के घेरे में रह सकते हैं और अन्य 5 को इससे बाहर रहना होगा. नियमों को बदल कर कोशिश ये थी कि मैच की शुरुआत में ज्यादा से ज्यादा रन बनाए जा सके. इनके अलावा कई रूल्‍स में बदलाव लाया गया. जिनमें सबसे बडा बदलाव था कि अब मैच में दो नई गेंदों का इस्तेमाल किया जाएगा. चेरी कलर की गेंद की जगह अब सफेद गेंद का यूज़ करना शुरु किया गया. आपको बता दें कि इसी विश्व कप से फ्लडलाइट्स का इस्तेमाल भी शुरु हुआ था.

1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप

३ – जावेद मियांदाद और किरन मोरे की झड़प

इंडिया-पाकिस्तान के खिलाड़ियों में अकसर मैच के दौरान कहा सुनी होते देखी गई है. लेकिन 4 मार्च को लॉर्डस मैदान पर दो खिलाड़ियों के बीच ऐसी झड़प हुई कि ये मैच बेहद यादगर बन गया. एम्पायर के लगातार सचिन तेंदुलकर को दो बार नॉट आउट देने पर जावेद मियांदाद कुछ इस तरह बौखलाए कि उनकी वीडियो आज भी उस साल की सबसे यादगार झड़प बन गई.

1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप

४ – जोंटी रोड्स की खोज

वैसे तो क्रिकेट वर्ल्ड कप की शुरुआत सन् 1975 में हुई थी लेकिन रंगभेद की नीति के चलते साउथ अफ्रीका को क्रिकेट से बाहर रखा गया था जिसके कारण 1992 का वर्ल्ड कप उनके लिए पहला था. इसी साल जोंटी रोड्स ने साउथ अफ्रीका की तरफ से अपना डेब्यू किया था. जोंटी रोड्स को क्रिकेट इतिहास का सबसे बेहतरीन फिल्डर माना जाता है और उन्होंने ये बात अपने पहले पाकिस्तान के खिलाफ़ मैच में साबित भी कर दिखाई थी कि वो इस खिताब के कितने काबिल हैं. रोड्स ने इंजमाम को क्रिज पर वापिस पहुंचने से पहले ही स्टंप आउट कर दिया.

1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप

ये 1992 क्रिकेट वर्ल्ड कप की अनोखी बातें – इस विश्व कप की एक और सबसे खास बात ये थी कि पाकिस्तान पहली बार विश्व कप जीत अपने देश लेकर गया था. इमरान खान की कप्तानी के चलते ही ऐसा मुमकिन हो पाया. उस साल फिनाले में पाकिस्तान के खिलाफ़ न्यूजीलैंड जैसी बड़ी टीम थी जिन्हें उन्होंने 212 रन पर ऑल आउट कर विश्व कप 1992 अपने नाम कर लिया.