इंटरनेट के बढ़ते उपयोग से – इंटरनेट आज के समय की समबे बड़ी खोज मानी जाती है.
साल 2007 से इंटरनेट का चलन विश्व भर में काफी ज्यादा मात्रा में बढ चुका है. रिपोर्ट्स की मानें तो दुनियाभर में अगर आजतक कोई आविष्कार सबसे अधिक इस्तेमाल हुआ है तो वह इंटरनेट है. इस एक आविष्कार ने हमारे जीवन को काफी आसान बना दिया है.
आज के समय में इंटरनेट लगभग हर व्यक्ति की जरुरत बन चुका है और इसके बिना जीवन बसर करना तो मानो आज के युग के लिए नामुमकिन सा साबित हो. इंटरनेट इतनी तेजी से आगे बढ़ा है कि छोटे से छोटा बच्चा भी इसकी जानकारी रखता है और इसे इस्तेमाल करता है.
ऑनलाइन शॉपिंग हो या बिलों का भुगतान इंटरनेट अनेकों कामों में लोगों की मदद करता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंटरनेट के बढ़ते उपयोग से दुनिया से खत्म हो जाएगा इंटरनेट –
क्या आपने कभी सोचा है कि इंटरनेट आता कहां से है और किस तरह से काम करता है? जरा सोचिए आज की इस आधुनिक जीवन से एक पल को भी यदि इंटरनेट लुप्त हो जाए तो क्या होगा? इसका हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी पर कितना गहरा प्रभाव पडेगा. आपको जानकर हैरानी होगी कि अगर इंटरनेट मात्र 1 मिनट के लिए भी बंद हो जाए तो दुनियाभर में अरबों-खरबों का नुकसान हो जाएगा.
ऐसे में हमेशा के लिए इंटरनेट बंद होने की बात तो सोची तक नहीं जा सकती. आज हम आपको इंटरनेट से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्यों के बारे में बताएंगे जिन्हें जानकर आप काफी हैरानी में पड़ जाएंगे.
दुनिया में इंटरनेट ने अपना पहला कदम सन् 1969 में रखा था.
इसकी शुरुआत डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस द्वारा की गई थी. वहीं दूसरी ओर भारत में इंटरनेट बीएसएनएल द्वारा साल 1995 में लाया गया. हाल ही में इंटरनेट को लेकर एक हैरान कर देने वाली बात सामने आई है. आपको बता देंकि हम जो इंटरनेट यूज़ करते हैं वो सेटेलाइट के ज़रिए सिर्फ 1 प्रतिशत ही आता है. उसके अलावा 90 प्रतिशत यूज़ समुद्र में फैलाई गई 8 लाख किलोमीटर से भी ज्यादा की आप्टिकल फाइबर केबल से आता है.
लंदन के अखबार डेली मेल में यह सामने आया है ककि आज से 8 वर्ष बाद इंटरनेट के बढ़ते उपयोग से – इंटरनेट का उपयोग इतना ज्यादा बढ़ जाएगा कि समुद्र में फैली ऑप्टिकल फाईबर केबल ये भार नही उठा पाएंगी और इंटरनेट ध्वस्त हो जाएगा.
इसके चलते हमें भविष्य में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
वैज्ञानिकों का दावा है कि वह भविष्य में ऐसी स्थिति उपस्थित ही नहीं होने देंगे जहां इंटरनेट ना हो. वह कोई ना कोई नई तकनीक तलाश कर इंटरनेट को ध्वस्त होने से बचा लेंगे.
इस विषय को लेकर नासा समेत दुनिया भर के वैज्ञानिक इस कोशिश में लगे हैं की भविष्य में ऐसी स्थिति कभी न आए. आपको बता देंकि इंटरनेट पहले सेटलाइट के ही जरिए इस्तेमाल किया जाता था लेकिन वह तकनीक काफी पुरानी हो चुकी है और उसमें इंटरनेट की स्पीड भी बेहद कम आती थी. इसके चलते वर्तमान में ऑप्टिकल फाइबर केबल की मदद से 255 टेराबाइट प्रति सेकेंड की स्पीड हासिल की जा चुकी है और वेज्ञानिकों का दावा है कि वह भविष्य में इस से भी अधिक स्पीड उत्पन्न कर दिखाएंगे.