हिन्दुस्तान के गद्दार – आज भले ही भारत में गरीबों की संख्या बहुत ज़्यादा है, लेकिन एक समय इसे सोने की चीड़िया कहा जाता था, लेकिन कभी मुगल तो कभी अंग्रेज़ों ने भारत को लूट लिया.
वैसे बाहरी लोगों की बजाय देश के लोगों ने भी भारत को कम नुकसान नहीं पहुंचाया है. ज़रा सोचिए क्या कोई अनजान शख्स आपके घर के राज जान सकता है जब तक कोई घरवाला उसे न बताए, वैसे ही हिन्दुस्तान के गद्दार थे जिन्होंने अगर गद्दारी न दिखाई होती तो भारत गरीब देश न बनात.
चलिए आपको बताते हैं कौन थे हिन्दुस्तान के गद्दार –
हिन्दुस्तान के गद्दार –
१ – मीर जफर
ब्रिटिश शासन के दौरान प्लासी की कुख्यात लड़ाई में मीर जाफर ने अपने ही राजा सिराजुद्दौला को धोखा देकर अंग्रेजों की मदद की जिसकी वजह से भारत में अंग्रेजों को पांव पसारने का मौका मिल गया. प्लासी के युद्ध के बाद ही भारत में ब्रिटिश राज की स्थापना की शुरुआत हुई थी. जाफर अवसरवादी और महत्वाकांक्षी था. हालांकि, अंग्रेज़ों ने हिन्दुस्तान के इस गद्दार को उसकी गद्दारी की सजा भी एक गद्दार से ही दिलवाई. अंग्रेजों ने मीर कासिम का सहारा लेकर मीर जाफर को मार डाला.
२ – राजा जयचंद राठौड
पृथ्वीराज चौहान और कन्नौज के राजा राजा जयचंद के बारे में सब जानते हैं. पृथ्वीराज के कवि चंद बरदाई ने अपने ‘पृथ्वीराज रासो’ (राजा के जीवन पर आधारित एक कविता) में दावा किया है कि दोनों राज्यों के बीच कई गद्दार थे, जिससे अफगान शासक गज़नी के खिलाफ तराई की दूसरी लड़ाई में हार सुनिश्चित हो गई थी. पृथ्वीराज चौहान और राजा जयचंद की दुश्मनी बहुत पुरानी थी. जयचंद ने मोहम्मद गौरी के साथ मिलकर पृथ्वीराज से गद्दारी की थी. जयचंद ने दिल्ली की सत्ता हासिल करने के लिए मोहम्मद गौरी का साथ दिया और साथ मिलकर पृथ्वीराज को हरा दिया. जिसके बाद भारत पर इस्लामिक आक्रमणकारियों के हमले बढ़ गए.
३ – जयाजीराव सिंधिया
जयाजीराव सिंधिया का अपनी वीरता और बहादुरी के लिए जानी जाने वाली रानी लक्ष्मी बाई से गद्दारी की थी. जयाजीराव सिंधिया ग्वालियर के महाराज थे. जयाजीराव सिंधिया देशद्रोही राजाओं में से एक था और अंग्रेजों का समर्थक था. उसने ने अंग्रेजों के साथ मिलकर एक कूटनीति तैयार की. जयाजी राव ने सेना के रानी लक्ष्मीबाई के खिलाफ भड़काया और जब अंग्रेजी सैनिक रानी से लड़ने आई, तब ग्वालियर की बागी सेना ने रानी को अकेला छोड़ दिया.
४ – राजा मान सिंह
गद्दारी के मामले में मानसिंह जयचंद से बिल्कुल भी कम नहीं था. महाराणा प्रताप देश को आज़ाद कराने के लिए जंगलों में घास की रोटियां खाते थे तो मानसिंह मुगलों के साथ मिलकर देश के साथ गद्दारी करता था. राजा मानसिंह मुगलों का सेना प्रमुख था. मान सिंह महाराणा प्रताप और मुगलों के प्रसिद्ध हल्दी घाटी के युद्ध में मुगल सेना का सेनापति था. इस युद्ध में महाराणा ने मान सिंह को मारकर उसे उसकी गद्दारी की सजा उसी वक्त दे दी थी.
५ – फणीन्द्र नाथ घोष
फणीन्द्र नाथ घोष ने सैण्डर्स-मर्डर और असेम्बली में बम फेकने के केस में भगत सिंह के खिलाफ गवाही दी थी. उसकी गवाही की वजह से भगत सिंह, राजगुरू एवं सुखदेव को फांसी की सज़ा सुनाई गई थी. फणीन्द्र नाथ घोष को अंग्रेजों ने सरकारी गवाह बनाया था.
ये थे हिन्दुस्तान के गद्दार – किसी ने सच ही कहा है घर का भेदी लंका ढाय यानी घर के कुछ लोग ही अपना राज दुश्मनों को बताकर घर का बुरा कर देते हैं. इन पांच गद्दारों ने भी कुछ ऐसा ही किया.