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डीयू की ये लड़की हेल्प के लिए चिल्लाती रही और लड़का अश्लील हरकत करता रहा

महिलाएं छेड़खानी का शिकार

महिलाएं छेड़खानी का शिकार – ये हर किसी को अच्छी तरह से मालूम है कि पब्लिक प्लेस में अकेले रात को जाना किसी भी महिला के लिए सेफ नहीं है।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट में आए दिन महिलाएं छेड़खानी का शिकार होती हैं। सुनसान सड़कों में महिलाओं का रेप होता है। वगैरह, वगैरह…।

लेकिन जब लड़कियां इन सारी चीजों का विरोध करती थीं तो आसपास से कोई ना कोई हेल्प के लिए जरूर आता था। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि शायद ही किसी लड़की को अब तक ये मालूम था कि उसके बगल की सीट में बैठ कर कोई आदमी मास्टरबेट करेगा और वो हेल्प के लिए चिल्लाती रहेगी। फिर भी उसे हेल्प नहीं मिलेगी।

डीयू की इस स्टूडेंट के साथ जो भी हुआ है उसके बाद हर किसी को मालूम हो चुका है कि अब उनके साथ कहीं भी अश्लील हो सकती है और उसके चिल्लाने के बावजूद भी कोई उसकी हेल्प के लिए नहीं आएगा।

इस तरह से महिलाएं छेड़खानी का शिकार होती रहती है –

डीटीसी बस में हुई यह हरकत

ये हरकत दिल्ली की डीटीसी बस में हुई है। जबकि सरकारी बस को बहुत ही सेफ ट्रांसपोर्ट माना जाता है। पिछले कुछ सालों से लेडीस स्पेसल डीटीसी बस भी चलती है। वैसे बस में आए दिन छेड़खानी की घटना होती है लेकिन लड़कियों के विरोध करने पर आसपास के लोग भी सचेत हो जाते हैं और छेड़खानी करने वाले को पीट देते हैँ।

महिलाएं छेड़खानी का शिकार

लेकिन उस दिन ऐसा नहीं हुआ

यह घटना 7 फरवरी की है। दिल्ली यूनीवर्सिटी की एक छात्रा डीटीसी बस में सफर कर रही थी। इस छात्रा को बगल में बैठे एक पुरुष यात्री ने सबके सामने छेड़ा। जब छात्रा ने इसका विरोध किया तो उसने ऐसी हरकत की जिसको जिनने के बाद आपको शर्म ही आ जाएगी। वो आदमी उसकी बगल में ही बैठकर मास्टरबेट करने लगा। उस पुरुष की इस हरकत के बाद छात्रा चिल्लाने लगी और हेल्प मांगने लगी। लेकिन किसी ने भी कोई हेल्प नहीं की। जिसके बाद इस छात्रा ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया।

महिलाएं छेड़खानी का शिकार

ट्वीटर पर किया टैग

इस वीडियो को छात्रा ने ट्वीटर पर दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली पुलिस कमिशनर और महिला आयोग को टैग किया। लेकिन मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने कुछ भी रेस्पॉन्स नहीं किया। केवल महिला आयोग ने ट्वीट को रीट्वीट किया। और तुरंत ही महिला आयोग से उसे कॉल आया और उसकी शिकायत को वसंत विहार थाने में दर्ज कराने को कहा।

महिलाएं छेड़खानी का शिकार

पुलिस नहीं कर रही थी एफआईआर

जब छात्रा इस घटना की शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस स्टेशन गई तो पुलिस ने एफआईआर कराने से मना कर दिया। दरअसल छात्रा दो-तीन दिन के बाद एफआईआर कराने गई थी। इसी का हवाला देते हुए पुलिस बार-बार बोल रही थी कि जिस दिन घटना हुई थी उसी दिन क्यों नहीं आई। वो तो गनीमत है कि महिला आयोग बीच में आ गया और पुलिस ने एफआईआऱ दर्ज की। मगर आज घटना के चार दिन से ज्यादा हो चुके हैं लेकिन आरोपी को पुलिस अब तक नहीं पकड़ पाई है।

ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं पहले भी

9 अगस्त 2017 – मुंबई में एक ओला कैब ड्राइवर ने कैब में अकेली बैठी महिला यात्री के आगे मास्टरबेट किया। इस घटना के बाद महिला ने पुलिस में ड्राइवर के खिलाफ कंप्ले‍न की, जिसके बाद ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया और ओला ने उसका लाइसेंस भी कैंसिल कर दिया।

31 अक्टूबर 2017- मुंबई के एयरपोर्ट रोड मेट्रो स्टेाशन पर एक आदमी मास्टरबेट करता पाया गया। इस घटना के बारे में एक महिला ने मेट्रो पुलिस को बताया। शिकायत दर्ज कराने के बाद महिला ने पूरी घटना के बारे में ट्विटर पर भी लिखा।

इस तरह से महिलाएं छेड़खानी का शिकार होती रहती है –  हर साल ऐसी घटना सुनने को मिल जाती है लेकिन ये रुकने का नाम नहीं लेते। अब आप इस घटना के बारे में क्या कहेंगे। एक बार ये वीडियो गौर से देखिए। इसमें आरोपी की शक्ल भी साफ दिखाई दे रही है। फिर भी पुलिस इसे ढूंढ नहीं पा रही है। हद ही है।