गूगल पर जुर्माना – सर्च इंजन गूगल पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने भारतीय बाज़ार में अनुचित व्यापार प्रतिस्पर्धा करने के कारण 136 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
गूगल को आयोग ने यह रकम 60 दिनों के भीतर चुकाने का सख्त आदेश भी दिया है।
आइए जानते हैं इस मामले से जुड़ी खास बातें और क्यों लगा गूगल पर जुर्माना ।
2012 में हुई थी गूगल के खिलाफ शिकायत
साल 2012 में मैट्रीमॉनी डॉट कॉम और कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी ने गूगल के खिलाफ सीसीआई में शिकायत दर्ज करवाई थी। इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि गूगल अपने प्रभुत्व को इस्तेमाल करके कुछ कंपनियों का सर्व रिजल्ट विज्ञापन बाज़ार में गलत सर्च रिजल्ट दिखाता है।
जांच में आई गड़बड़ी – गूगल पर जुर्माना
जब आयोग ने इस शिकायत की जांच की तो गूगल पर लगाए गए सभी आरोप सही पाए गए।
इसके बाद आयोग ने गूगल की मुख्य कंपनी अल्फाबेट इंक को कहा कि गलत रिजल्ट दिखाकर ना केवल आम लोगों को पक्षपात पूर्ण सूचना दे रही है बल्कि प्रतिस्पर्धी कंपनियों को भी नुकसान पहुंचा रही है। भारतीय स्पर्धा आयोग ने गूगल की मुख्य कंपनी अल्फाबेट इंक के खिलाफ 190 पन्नों का आदेश जारी किया है। इस आदेश में गूगल को जुर्माना भरने की बात कही गई है।
एडवर्ड नहीं है गलत
आयोग ने गूगल को पक्षपातपूर्ण सर्च रिजल्ट दिखाने का दोषी माना है और गूगल पर जुर्माना लगाया लेकिन यह भी है कि गूगल का जो विज्ञापन डिस्ट्रीब्यूशन करने वाला एडवर्ड है उसमें किसी भी तरह की कोई गलती नहीं है। सीसीआई की मानें तो गूगल पर लगा जुर्माना भारत में उसकी सालाना कमाई का पांच फीसदी है। गूगल पर जुर्माना तीन वित्त वर्षों 2013, 2014 और 2015 में भारतीय परिचालन से आय के पांच प्रतिशत के बराबर है जो 135.86 करोड़ रुपए होता है। इस तरह से गूगल पर जुर्माना लगाया गया –
इससे पहले भी प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा कई बड़ी कंपनियों के साथ ऐसा किया जा चुका है। आयोग ने कई बड़ी कंपनियों को गलत तरीके से काम करने के जुर्माना भरने का आदेश दिया है। साल 2016 में सीमेंट बनाने वाली मुख्य 10 कंपनियों के खिलाफ 6700 करोड़ रुपए का जुर्माना लगा चुका है। सीमेंट कंपनियों पर दो-तीन बार और भी आयोग द्वारा भारी जुर्माना लग चुका है।
इस मामले के सामने आने से यह बात तो साफ हो जाती है कि इस दुनिया में कोई साहूकार नहीं है। हर कोई अपने ग्राहकों के साथ थोड़ा-बहुत छल-कपट तो करता ही है और गूगल ने भी कुछ ऐसा ही किया है। अब देखते हैं कि गूगल जुर्माने की इतनी बड़ी रकम को भरता है या दोबारा जांच की मांग करता है।
वर्तमान समय में भारत का हर व्यक्ति इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए गूगल यूज़ जरूर करता होगा और गूगल की भारत में कमाई भी खूब होती है। बस, इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि गूगल इस जुर्माने की रकम को भरकर इस मामले से खुद को बाहर निकाल लेगा क्योंकि कोई भी बड़ी कंपनी खुद को भारत से दूर नहीं करना चाहेगी क्योंकि भारतीय मार्केट और यूज़र्स पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करते हैं और फिर बात चाहे कोई भी हो भारतीय लोग किसी भी चीज़ में पीछे नहीं हैं इसलिए उम्मीद है कि भारतीयों के लिए गूगल ये जुर्माना भर दे।