ज़रा सोचिए कि आपके देश में किसी देश के राजनेता आए हों और वो होटल में रहने के दौरान वहां की चीज़ों को अपने बैग में भरकर अपने देश ले जाए तो आपको कैसा लगेगा. शायद बेहद शर्मनाक लगे, लेकिन ज़रा सोचिए कि यही घटना जब आपके देश के किसी नेता ने विदेश में की हो तो कैसा लगेगा? अब आपको समझ में आ रहा होगा कि कितनी घटिया हरकत है ये. इस घटिया हरकत को अंजाम दिया है हमारे देश के एक मुख्यमंत्री के काफिले ने.
जी हाँ, खुद को खुद्दार बताने वाली दीदी यानी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के काफिले ने ये घटिया हरकत की है. करते हुए शायद शर्म भी नहीं आई होगी. हम आपको बता दें कि ममता बनर्जी ऑफिशियल टूर पर लंदन गई हैं. अपने साथ वो पूरा काफिला ले गई हैं जिसमें कुछ पत्रकार भी हैं. ये पत्रकार इतने खराब निकले कि उन्हें वहां की खबर के बजाय होटल में पड़े चम्मच की ज्यादा पड़ी थी.
एक मीटिंग के दौरान जब इन लोगों को खाने के लिए सामान आया और उस देश के उस होटल ने इनकी आवभगत करने के लिए इन्हें चांदी के चम्मच परोसें तो इनके होश उड़ गए. ये लोग खाने से ज्यादा उस चम्मच को घूर रहे थे और अंत में चम्मच पर हाथ फेर ही दिया. इन पत्रकारों ने चांदी की चम्मचें चुरा लीं. पत्रकारों की यह शर्मनाक हरकत वहां लगे सीसीटीवी में कैद हो गई. सीसीटीवी फुटेज देखे जाने के बाद पत्रकारों को इस जुर्म के लिए 50 पौंड का जुर्माना भरना पड़ा.
शर्म की बात तो ये है कि सीसी टीवी में कैद होने के बावजूद ये लोग अपनी हरकत मान नहीं रहे थे और चोरी की बात से इनकार कर रहे थे. होटल के सुरक्षा अधिकारियों ने जब VVIP मेहमानों के साथ मौजूद पत्रकारों की इस हरकत को सीसीटीवी कैमरे में देखा तो एक बार के लिए वह भी दुविधा में पड़ गए. सीसीटीवी फुटेज दिखाए जाने और मामले को सार्वजनिक करने की धमकी के बाद पत्रकारों ने अपनी गलती स्वीकार कर ली. अब आप समझ ही सकते हैं कि एक तो चोरी ऊपर से सीजजोरी करके ये लोग भारत का नाम किस तरह से डुबो दिए.
ऐसा नहीं है कि ऐसा करने वाले पत्रकार नए थे. ये सभी पत्रकार अपने-अपने संस्थानों में वरिष्ठ पत्रकार और संपादक हैं. इसका मतलब ये हुआ कि इनकी सैलरी लाखों में होगी. लाखों कमाने के बाद भी इस तरह से मुख्यमंत्री के टूर पर चोरी करने वाले पत्रकारों को क्या कहेंगे वो आप खुद तय कर लीजिये.
इन पत्रकारों को चोरी करते हुए शर्म नहीं आई, लेकिन लंदन के उस होटल के सुरक्षा कर्मियों को इन्हें ऐसा करते देख बहुत शर्म आई और इसीलिए वो सलीके से इन सब के पास जाकर इसकी चर्चा किये, लेकिन तब भी ये नहीं मान रहे थे. हद होती है बेशर्मी की. पत्रकारिता को हमेशा से साहस और ईमानदारी का पेशा माना जाता है.
अक्सर लोग पत्रकारों को बहुत ईमानदार मानते हैं और युवा पीढ़ी पत्रकार बनने का सपना अपने मन में संजोता है, लेकिन इन पत्रकारों की इस हरकत को देखकर न केवल युवा पीढ़ी बल्कि पूरे देश को आज शर्मशार होना पड़ा है.